बदलते दौर में भारतीय कार खरीदारों की पसंद में बड़ा बदलाव आया है। एक समय भारत में हैचबैक और सेडान कारों की बिक्री सबसे ज्यादा होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। अब देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ी स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) हो गई है। मारुति, सुजुकी, महिंद्रा, किआ, हुंडई से लेकर टाटा मोटर्स तक तमाम ऑटो कंपनियां सबसे ज्यादा एसयूवी की बिक्री कर रही है। इसके चलते इन गाड़ियों की बिक्री ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ये जानकारी जुलाई महीने के गाड़ियों की बिक्री आंकड़े से मिले हैं।
एसयूवी का क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के अनुसार, ब्रेजा, अर्टिगा, फ्रोंक्स, ग्रांड विटारा, जिम्नी और एक्सएल6 जैसे एसयूवी वाहनों की जुलाई में 62,049 इकाई बिकी, जो जुलाई, 2022 के 23,272 इकाई के मुकाबले दो गुने से भी ज्यादा है। वहीं, बलेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस और स्विफ्ट जैसी कॉम्पेक्ट कारों की बिक्री भी 21 प्रतिशत घटकर 67,102 इकाई रह गई, जो जुलाई, 2022 में 84,818 इकाई थी। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जुलाई महीने में रिकॉर्ड एसयूवी गाड़ियों की बिक्री की है। महिंद्रा के अनुसार, जुलाई में 36,205 एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) की अब तक की सबसे अधिक घरेलू बिक्री दर्ज की। 20 महीने के रिकॉर्ड समय में एक्सयूवी700 खरीदारों की संख्या एक लाख हो गई। साथ ही जुलाई में स्कॉर्पियो ब्रांड पेश किये जाने के बाद से एक महीने में सबसे ज्यादा बिक्री हुई है। किआ की कैरेंस, सोनेट और सेल्टोस की जबरदस्त मांग बनी हुई है। टाटा मोटर्स की पंच और नेक्सॉन भी अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं।
देश में क्यों बढ़ी एसयूवी की मांग
ऑटो एक्सपर्ट का कहना है कि भारत की 70 फीसदी आबादी अभी युवा है। युवाओं को एसयूवी गाड़ियां जबरदस्त पसंद आ रही है। इसकी वजह यह है कि एसयूवी गाड़ियों की मजबूती और ड्राइविंग सीट उंचाई पर होने की वजह से सड़क पर वाहन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। हैचबैक और सेडान की तुलना में एसयूवी गाड़ियां किसी भी रोड पर चलने के लिए ज्यादा माकूल है। इसके अलावा कम्पैक्ट एसयूवी की कीमत भी प्रीमियम हैचबैक के आसपास है। इसके चलते युवाओं में एसयूवी खरीदने की जबरदस्त होड़ है। इसके चलते देश में एसयूवी गाड़ियों की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है।