नयी दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत घटने के साथ ही अब इसको चार्ज करने पर आने वाला खर्च भी घट सकता है। चार्जिंग नेटवर्क की संख्या को बढ़ाने के लिए उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार को सुझाव दिया है। सीआईआई के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की चार्जिंग के लिए सेवा शुल्क की सीमा को खत्म कर नए प्लेयर्स को यहां आने का मौका दे सकती है।
स्कूटर के बाद सामने आई Ola की सस्ती इलेक्ट्रिक कार की पहली तस्वीर, खूबसूरत डिजाइन उड़ा देगी होश!
उद्योग मंडल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लागत की अनिश्चितता और प्रयोग के स्तर के हिसाब से फिलहाल शुल्क की कोई भी सीमा निजी निवेश को हतोत्साहित करेगी। सीआईआई ने रसायन सेल बैटरी भंडारण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) पर केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए सरकारी सहायता और वित्तीय प्रोत्साहन बढ़ाने का आह्वान किया है।
उद्योग मंडल का कहना है कि पीएलआई के तहत शुरुआती 50 गीगावॉट घंटा की क्षमता बड़े बाजार आकार के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है। सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क का लाभ उठाने के लिए अंतिम उपयोगकर्ता पर जीएसटी की छूट की भी सिफारिश की है। रिपोर्ट में अलग से बेची गई बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन में लगी हुई आई बैटरी पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।