भारत में बड़ी संख्या में बाइक के शौकीन लोग अपनी मोटरसाइकिलों में मॉडिफिकेशन कराना चाहते हैं, लेकिन कानूनी अड़चनों और चालान कटने के डर से बहुत सारे लोग अपनी बाइकों में मॉडिफिकेशन नहीं कराते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में पांच ऐसे मॉडिफिकेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि कानूनी रूप से पूरी तरह से वैध हैं और इस पर किसी भी प्रकार का कोई चालान नहीं कटेगा।
टायर
अगर आप अपनी बाइक के स्टैंडर्ड टायर्स को अपग्रेड करते हैं तो यह पूरी तरीके से कानूनी है। आप अपनी जरूरी और पसंद के मुताबिक टायरों का चयन कर इन्हें आसानी से बदल सकते हैं। यहां यह ध्यान रखने वाली बात है कि आप केवल उन्हीं साइज के टायर्स को अपनी गाड़ी में लगवा सकते हैं जिसे मैन्यूफैक्चरर की ओर से रिकमेंड किया गया हो।
लाइट्स
मैन्यूफैक्चरर्स द्वारा गाड़ियों के साथ दी जाने वाली लाइट्स के साथ अक्सर ये शिकायत आती है। वे ज्यादा अंधेरे में राइडिंग पर कम ब्राइटनेस देती है। इस कारण कम पावर की अतिरिक्त एलईडी लाइट आप लगवा सकते हैं, लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा पावर की एलईडी लाइट लगवाते हैं तो आप मुश्किल में फंस सकते हैं और आपका चालान भी हो सकता है।
विंड स्क्रीन
कई बार मैन्यूफैचरर्स की ओर से बाइकों में विंडस्क्रीन नहीं दी जाती है, जिसके कारण लंबी दूरी पर बाइक चलाने में मुश्किलों का सामान करना पड़ता है। इस कारण आप आसानी से बाजार से कोई अच्छी विंडस्क्रीन लगवा सकते हैं।
फोन माउंट
कई बाइकों में मैप का फीचर नहीं दिया जाता है, लेकिन आज के समय में किसी अनजान शहर में जाकर मैप बहुत जरूरी होता है और बाइक चलाते समय आपको मैप देखने के लिए आप फोन माउंट लगवा सकते हैं। ये पूरी तरीके से कानूनी है।
सस्पेंशन
सस्पेंशन में बदलाव करवाना भी कुछ शर्तों के साथ कानूनी है। आप अपनी मर्जी के मुताबिक हार्ड और सॉफ्ट सस्पेंश का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि, सस्पेंशन की हाइट में इजाफा या उसे कम करना आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।