एक नई कार खरीदते समय ग्राहक के दिमाग में बहुत सी सारी बातें चल रही होती हैं। जैसे कार का इंटीरियर या एक्सटीरियर कैसा है। इंजन कितना दमदार है। सेफ्टी टेक्नोलॉजी के मामले में कैसे फीचर दिए गए हैं। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा मजेदार होता है कार का रंग डिसाइड करना। कार का रंग आपके मन की तसल्ली तो देता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि जिस रंग की कार आप खरीद रहे हैं, उसमें एक्सीडेंट या दुर्घटना होने की संभावना कितनी है। आइए आज आपको कार के रंगों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
Kelley Blue Book के अनुसार, कार में सिल्वर कलर सबसे ज्यादा पॉपुलर है और दूसरे नंबर पर बारी आती है व्हाइट कलर की। हालांकि मोनाश यूनिवर्सिटी के एक्सीडेंट रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक, सेफ्टी रेटिंग्स के मामले में सफेद कलर को सिल्वर कलर से ज्यादा सुरक्षित रंग माना गया है।
कौन सा कलर है सबसे सुरक्षित?
स्टडी के मुताबिक, व्हाइट कलर की कार में एक्सीडेंट या दुर्घटना होने की संभावना ब्लैक कलर के मुकाबले 12 प्रतिशत कम रहती है। व्हाइट के बाद क्रीम या पीले रंग की कारों को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। हालांकि कुछ स्टडीज सुरक्षा के पैमाने पर पीले रंग को व्हाइट रंग की कारों से आगे मानती हैं।
सबसे खतरनाक कलर कौन सा है?
इस अध्ययन में काले रंग की कारों को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया गया है। इसके अलावा, कार के लिए कई अन्य रंगों को भी कम सुरक्षित माना गया है। इसमें ग्रे (11 प्रतिशत जोखिम), सिल्वर (10 प्रतिशत जोखिम), नीला (7 प्रतिशत जोखिम) जैसे रंग भी शामिल हैं।
वाहनों में क्या है रंगों का खेल
कार में लाइट और डार्क दो तरह के कलर आते हैं। लेकिन लाइट कलर ज्यादा आसानी से दिखाई दे जाता है। ऑटो एक्सेसरीज गैरेज के कंटेंट मैनेजर कहते हैं, 'चूंकि सफेद या पीले जैसे लाइट कलर आसानी से दिखाई दे जाते हैं, इसलिए इनमें दुर्घटना होने या चोरी होने की संभावना कम होती है। एक सफेद रंग की कार डार्क कलर की तुलना में ज्यादा आसानी से दिखाई दे जाती है। रात के अंधेरे में जहां डार्क कलर मुश्किल से दिखाई पड़ता है, वहीं दिन के उजाले में ये सड़क के साथ मेल खा जाता है, जिसे कई बार ड्राइवर के लिए समझना मुश्किल हो जाता है। इसलिए जब ब्रेक पैडल पर उनका पैर पहुंचता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।'