ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाद अब ओला कैब्स पर भी सरकार सख्ती से नजर रख रही है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कैब सर्विस देने वाली कंपनी ओला को कंज्यूमर फ्रेंडली बदलाव लागू करने का निर्देश दिया है। इसमें रिफंड के ऑप्शन देना और ‘ऑटो राइड’ के लिए रसीदें देना शामिल है। सीसीपीए ने रविवार को ये जानकारी दी।
बैंक अकाउंट में रिफंड का ऑप्शन नहीं
चीफ कमिश्नर निधि खरे के नेतृत्व में सीसीपीए ने पाया कि ओला की रिफंड पॉलिसी में सिर्फ भविष्य की राइड के लिए कूपन कोड दिए गए थे, जबकि ग्राहकों को बैंक अकाउंट में रिफंड का ऑप्शन नहीं दिया गया था। सीसीपीए ने एक बयान में कहा, ''ये चलन उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करता है।'' नियामक ने कहा कि बिना सवाल पूछे रिफंड नीति का मतलब ये नहीं हो सकता कि कंपनी लोगों को सिर्फ अगली बार सर्विस लेने के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करें। सीसीपीए ने ओला को अपने प्लेटफॉर्म के जरिए बुक की गई सभी ‘ऑटो राइड’ के लिए बिल जारी करने का भी आदेश दिया है।
ओला स्कूटर से जुड़ी शिकायतों के लिए मिला है नोटिस
बताते चलें कि इससे पहले सीसीपीए ने भाविश अग्रवाल की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस जारी किया था। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला के खिलाफ एक साल में क्वालिटी और पोस्ट-सेल्स सर्विस से जुड़ी 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों का समाधान नहीं होने के बाद सीसीपीए ने ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए 7 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सीसीपीए ने ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।
NCH को एक साल में मिलीं 10,000 से ज्यादा शिकायतें
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) को पिछले एक साल से ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिली थीं। समाधान के लिए इन शिकायतों को कंपनी के हाई कमान तक भेजा गया, लेकिन कंपनी ने इन शिकायतों का समाधान करने में वो दिलचस्पी नहीं दिखाई, जो उन्हें दिखानी चाहिए थी।