Auto Component Sector: भारत में लगभग सेक्टर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। कुछ में रिकॉर्ड ग्रोथ देखने को मिल रही है। उसी में से एक घरेलू वाहन कलपुर्जा उद्योग है, उसने वित्त वर्ष 2022-23 में अबतक का सर्वाधिक कारोबार दर्ज किया है। मजबूत मांग के साथ ही उद्योग को चालू वित्त वर्ष में बिक्री में दो अंक की वृद्धि की उम्मीद है। वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (ACMA) के अनुसार, वाहन कलपुर्जा क्षेत्र ने पिछले वित्त वर्ष में 5.6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो 2021-22 में 4.2 लाख करोड़ रुपये के कारोबार से 33 प्रतिशत अधिक है। उद्योग निकाय ने बताया कि 2022-23 में निर्यात पांच प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1.63 लाख करोड़ रुपये रहा।
सुस्ती से पूरी तरह उबर गया सेक्टर
एसीएमए ने कहा कि घरेलू बाजार में ओईएम (मूल उपकरण विनिर्माता) को कलपुर्जों की बिक्री 39.5 प्रतिशत बढ़कर 4.76 लाख करोड़ रुपये हो गई। इसके अलावा खुले बाजार में बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 85,333 करोड़ रुपये रही। एसीएमए के अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता, कच्चे माल की लागत और लॉजिस्टिक जैसे आपूर्ति पक्ष के मसलों में उल्लेखनीय राहत के साथ उम्मीद है कि 2023-24 भी वाहन उद्योग के लिए अच्छा रहेगा, जो वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है। दोपहिया वाहन उद्योग भी सुस्ती से पूरी तरह उबर गया है।
कभी इस सेक्टर में दिखी धीमी ग्रोथ
कोरोना वायरस महामारी की वजह से वाहन उद्योग को महत्वपूर्ण कलपुर्जों की कमी से जूझना पड़ा था। अभी चीन से बाहर की कंपनियां वाहन कलपुर्जों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत ने 17.6 अरब डॉलर के वाहन कलपुर्जों का आयात किया था। इसमें से 27 प्रतिशत यानी 4.75 अरब डॉलर का आयात चीन से हुआ था। अभी स्थिति काफी बेहतर हुई है।
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