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Air Bag, एक ऐसा सुरक्षा कवच है जो दुर्घटना होने से रोकता है, जानिए एयरबैग कैसे काम करता है

Air Bag भी एक्सपायरी डेट के साथ आता है। इसलिए एक समय के बाद इसे रिप्लेस होने की जरूरत होती है। इसलिए एयरबैग को रिप्लेस करने का ध्यान रखें।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: September 27, 2022 19:03 IST
Air Bag- India TV Paisa
Photo:INDIA TV Air Bag

Highlights

  • गाड़ी की सीट बेल्ट से भी एयरबैग का फंक्शन लिंक होता है
  • एयरबैग भी एक्सपायरी डेट के साथ आता है
  • एयरबैग में सोडियम एजाइड गैस भरी होती है

कारों में एयरबैग इसलिए मैंडेटरी किया गया है ताकि एक्सीडेंट के समय ये गाड़ी के अंदर बैठे लोगों की सुरक्षा कर सके। सीट बेल्ट की तरह ये भी एक सेफ्टी फीचर है। गाड़ियों में अलग अलग हिस्सों में एयरबैग लगा होता है। कार में एयरबैग मतलब पूरी सेफ्टी। भारत के साथ साथ कई देशों में गाड़ियों में एयरबैग को अनिवार्य कर दिया गया है। कारों में एयरबैग इसलिए मैंडेटरी किया गया है ताकि एक्सीडेंट के समय ये गाड़ी के अंदर बैठे लोगों की सुरक्षा कर सके। सीट बेल्ट की तरह ये भी एक सेफ्टी फीचर है। गाड़ियों में अलग अलग हिस्सों में एयरबैग लगा होता है। अब न केवल आगे बैठे लोगों के लिए बल्कि बैक सीट्स के लिए भी एयरबैग्स मौजूद हैं। हालांकि बहुत से लोगों को एयरबैग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। आज हम आपको इसके बारे में बताने वाले हैं कि एयरबैग कैसे काम करता है और आपको कैसे सुरक्षित रखता है।

एयरबैग क्या है?

दरअसल एयरबैग कॉटन का बना होता है जिस पर सिलिकॉन की कोटिंग की जाती है। एयरबैग के अंदर सोडियम एजाइड गैस भरी होती है। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड का कहना है कि ड्राइवर की सीट पर एयरबैग का होना अनिर्वाय है।

एयरबैग कैसे काम करता है?

जैसे ही किसी कार के एक्सीडेंट की स्थिति बनती है वैसे ही एयरबैग कुछ सेकेंड के अंदर खुल जाता है। इससे लोगों को चोट नहीं लगती है। भारत में पहले केवल ड्राइवर की सीट पर एयरबैग की सुविधा थी, लेकिन अब आगे की दोनों सीटों पर इसे मैंडेटरी कर दिया गया है। ज्यादातर महंगी गाड़ियों में एयरबैग की सुविधा दी जाती है।

गाड़ी के बंपर पर सेंसर लगा होता है। ये गाड़ी के सेंसर से कनेक्ट होता है। जैसे ही किसी गाड़ी को टक्कर लगती है वैसे ही इसका एक्टिव मोड ऑन हो जाता है और ये बाहर की तरफ खुल जाता है। इस प्रोसेस में ज्यादा समय नहीं लगता है। एक एयरबैग 300 किलोमीटर/घंटे की स्पीड से काम करता है।

अब आप ये सोच रहे होंगे कि एयरबैग कैसे बाहर निकलता है। दरअसल एयरबैग में सोडियम एजाइड गैस भरी होती है। इस गैस के वजह से ही एयरबैग काम करता है। अब एयरबैग को हर कार के लिए मैंडेटरी कर दिया गया है।

एयरबैग और सीट बेल्ट में लिंक

गाड़ी की सीट बेल्ट से भी एयरबैग का फंक्शन लिंक होता है। जब एयरबैग को बनाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कार में बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट लगा रखा है।

एयरबैग को वर्कशॉप में ही ठीक कराएं

अगर किसी परिस्थिती में कार का एयरबैग खुल जाता है तो इसे खुद से ठीक न करें। इसके लिए आप ऑथोराइज्ड डीलरशिप या वर्कशॉप में जाकर ही ठीक कराएं। अगर आप इसे छोड़ते है तो एयरबैग के खराब होने की संभावना हो सकती है।

एयरबैग को रिप्लेसमेंट की जरूरत होती है

एयरबैग भी एक्सपायरी डेट के साथ आता है। इसलिए एक समय के बाद इसे रिप्लेस होने की जरूरत होती है। इसलिए एयरबैग को रिप्लेस करने का ध्यान रखें।

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