अगर आप शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। आपको 31 दिसंबर तक एक जरूरी काम निपटाना है। इंडिविजुअल म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स और डीमैट अकाउंट होल्डर्स के लिए नॉमिनी दर्ज करने की 31 दिसंबर आखिरी तारीख है। सेबी द्वारा इसे अनिवार्य किया गया है। खाताधारकों के लिए इस तारीख तक नॉमिनी का नाम दर्ज करना या नॉमिनेशन से बाहर निकलने का विकल्प चुनना अनिवार्य है। अगर निवेशक 31 दिसंबर तक नॉमिनी का नाम देने में विफल रहते हैं, तो सेबी उनके अकाउंट्स से डेबिट को फ्रीज कर सकता है। इसका मतलब है कि निवेशक म्यूचुअल फंड से पैसा नहीं निकाल पाएंगे। ना ही वे अपने डीमैट खाते से ट्रेडिंग कर पाएंगे। हालांकि, जो निवेशक पहले ही अपनी नॉमिनेशन डिटेल्स (Nomination details) उपलब्ध करा चुके हैं, उन्हें इन्हें दोबारा सबमिट करने की जरूरत नहीं है।
क्या है नॉमिनेशन का फायदा?
निवेशक की मृत्यु की स्थिति में उसके शेयर या दूसरी सिक्युरिटीज किसे मिले, इसके लिए नॉमिनी का होना जरूरी है। नॉमिनेशन एक सरल प्रक्रिया है, इसमें सिक्युरिटीज होल्डर अपने पसंद के व्यक्ति की जानकारी उपलब्ध कराता है, जिसे खाताधारक की मृत्यु के बाद सिक्युरिटीज प्रदान की जा सके। नोमिनेशन की प्रोसेस डीमैट खाता खोलते समय या बाद में भी पूरी की जा सकती है। नॉमिनेशन नहीं होने की स्थिति में निवेशक की मृत्यु के बाद परिजनों को लंबी और महंगी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है।
डीमैट खाते में नॉमिनी कैसे दर्ज करें?
- स्टेप 1. एनएसडीएल पोर्टल (NSDL portal) पर जाएं।
- स्टेप 2. होमपेज पर 'नोमिनेट ऑनलाइन' विकल्प पर क्लिक करें।
- स्टेप 3. अब आप एक नए पेज पर चले जाएंगे। यहां आपको अपनी डीपी आईडी, क्लाइंट आईडी, पैन और ओटीपी दर्ज करना होगा।
- स्टेप 4. ये जानकारियां दर्ज करने के बाद आप 'I wish to Nominate' या 'I do not wish to nominate' को चुनें।
- स्टेप 5. अगर आप नॉमिनी दर्ज करने का विकल्प चुनते हैं, तो एक नया पेज खुलेगा, इसमें आपसे नॉमिनी की जानकारी पूछी जाएगी।
- स्टेप 6. अब ई-साइन सर्विस प्रावाइडर के पेज पर चेकबॉक्स एनेबल करें और 'Proceed' पर क्लिक करें।
- स्टेप 7.अब नॉमिनेशन प्रोसेस को पूरी करने के लिए ओटीपी वेरिफाई करें।
बदल भी सकते हैं अपना नॉमिनी
निवेशक अपने डीमैट अकाउंट में नॉमिनी को बाद में बदल भी सकते हैं। आप नॉमिनेशन फॉर्म भरकर और इसे डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को जमा करके किसी भी समय ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा जरूरी बदलाव करने के लिए ऑनलाइन प्रोसेस का विकल्प भी है।