नई दिल्ली। भारत में पिछले तीन साल से काम्पेक्ट एसयूवी मार्केट में तहलका मचाने वाली Ford EcoSport अब नए रंगरूप में आने जा रही है। फोर्ड ने इसे साल 2013 में उतारा था, तब से यह सब 4-मीटर एसयूवी सेगमेंट में फोर्ड की बेस्ट सेलिंग कार बनी हुई है। लेकिन मारूति सुज़ुकी विटारा ब्रेज़ा के आने के बाद से ईकोस्पोर्ट की मांग थोड़ा घट गई है।
मुकाबले में EcoSport को एक बार फिर आगे करने के लिए कंपनी इसका फेसलिफ्ट अवतार उतारने जा रही है। फेसलिफ्ट ईकोस्पोर्ट को भारत में तैयार किया जाएगा लेकिन इसकी बिक्री ब्राजील और अमेरिका से शुरू होगी।
EcoSport, अमेरिका में बिकने वाली पहली मेड-इन इंडिया कार होगी। चर्चाएं हैं कि भारत में लॉन्च होने वाली ईकोस्पोर्ट में अमेरिकी मॉडल की तुलना में कम फीचर मिलेंगे। cardekho.com के साथ IndiaTV Paisa की टीम आज यहां बताने जा रही है उन पांच खासियतों की जो भारत में लॉन्च होने वाली फेसलिफ्ट ईकोस्पोर्ट में शायद न मिलें।
2.0 लीटर का इंजन
भारत में फोर्ड EcoSport को 1.5 लीटर से बड़ा इंजन नहीं मिलेगा। इसके पीछे तीन कारण है… पहली बात, इंजन जितना बड़ा होगा, कार की कीमत भी उतनी ही ज्यादा होगी। दूसरा कारण, बड़े इंजन का माइलेज भी कम होगा और तीसरी बड़ी वजह, बड़े इंजन के कारण इस पर ज्यादा एक्साइज़ ड्यूटी लगेगी और 4-मीटर से छोटी कार को मिलने वाली छूट की हकदार यह नहीं होगी। 2.0 लीटर के इंजन की बात करें तो ईकोस्पोर्ट से ऊपर आने वाली रेनो डस्टर, होंडा बीआर-वी और हुंडई क्रेटा में भी इतनी क्षमता का इंजन नहीं दिया गया है।
तस्वीरों में देखिए फोर्ड की नई ईकोस्पोर्ट
Ford EcoSport
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
ऑल व्हील ड्राइव की सुविधा
अमेरिका में 2.0 लीटर इंजन वाली फोर्ड EcoSport में ऑल व्हील ड्राइव की सुविधा मिलेगी। अमेरिका में ज्यादा स्पीड और ज्यादा पावर को ग्राहक अहमियत देते हैं, ऐसे में वहां बड़े इंजन और ऑल व्हील ड्राइव की सुविधा दी जाएगी। भारत में माइलेज को सबसे ज्यादा तव्वजो मिलती है। इसके अलावा कम क्षमता का इंजन फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम को उतनी पावर नहीं दे पाता, जितनी कि असल में चाहिये होती है।
बैंग और ऑल्फसन प्ले ऑडियो सिस्टम
फोर्ड ने नई EcoSport के डैशबोर्ड में भी बदलाव किए हैं। इसमें 8 इंच का बड़ा इंफोटेनमेंट सिस्टम लगा है, जो एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले सपोर्ट करता है। यह सिस्टम 675 वॉट के बैंग एंड ऑल्फसन (बीएंडओ) प्ले म्यूजिक सिस्टम और 10 स्पीकर से जुड़ा है। इस पूरे साउंड सिस्टम को हारमन अकूस्टिक इंजीनियरों ने तैयार किया है। भारत में फेसलिफ्ट ईकोस्पोर्ट में यह सिस्टम मिलने की संभावना कम ही है।
स्पोर्टी इंटीरियर ट्रिम्स
अमेरिकी बाज़ार में फोर्ड EcoSport का मकसद युवाओं को लुभाना है। लिहाज़ा अमेरिका में ईकोस्पोर्ट को स्पोर्टी ड्यूल-टोन इंटीरियर थीम में पेश किया जाएगा। भारत में मामला अलग है, यहां ईकोस्पोर्ट की छवि केवल युवाओं की कार न होकर छोटी फैमिली की बड़ी कार की है। इंटीरियर में ड्यूल टोन और चटक रंगों का इस्तेमाल अच्छा बदलाव है लेकिन इस कलर स्कीम और केबिन ट्रीटमेंट को कुछ वक्त के लिए भारतीय बाज़ार से दूर रखा जा सकता है।
नया टेलगेट डिजायन
फोर्ड ने नई ईकोस्पोर्ट के टेलगेट को फिर से डिजायन किया है और इस बार बूट गेट पर लगे स्पेयर व्हील को हटा दिया है। स्पेयर व्हील को नीचे की तरफ दिया गया है। यह बदलाव खासतौर पर अमेरिकन मॉडल के लिए हुआ है। संभावना है कि भारत आने वाली ईकोस्पोर्ट में पहले की तरह बूट पर लगा स्पेयर व्हील ही मिलेगा। इस डिजायन की वजह से कई लोगों को ईकोस्पोर्ट में दमदार एसयूवी वाला अहसास मिलता है और इसे काफी पसंद भी किया जाता है।
Source: cardekho.com