नई दिल्ली। वोल्वो ने एक चौंकाने वाली प्रतिज्ञा ली है। उसने कहा है कि 2020 वह दुनिया को ऐसी डेथ प्रूफ कार देगी, जिनके उपयोग से न किसी की मौत होगी और न ही कोई गंभीर रूप से जख्मी होगा। विपत्ति मुक्त वाहन कोई अभूतपूर्व वस्तु नहीं है। वास्तव में यहां ऐसे कुछ वाहन मौजूद हैं। इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाईवे सेफ्टी के आंकड़ों के मुताबिक वाहनों के नौ मॉडल ऐसे हैं, जिसमें वोल्वो एक्ससी90 भी शामिल है, जिनमें 2009 से 2012 के दौरान अमेरिका में दुर्घटना के दौरान किसी की भी मौत नहीं हुई है।
वोल्वो, अभी भी स्वीडन में स्थित है लेकिन अब उस पर मालिकाना हक चीन की झेजिआंग गेली होल्डिंग ग्रुप (जीईएलवायवाय) का है। वोल्वो दुनियाभर में अपने सभी वाहनों में ऐसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहती है, जिससे उसके वाहनों में न किसी की मौत हो और न कोई घायल हो। वोल्वो पहले से ही दुनियाभर में यह ट्रेक कर रही है कि उसके वाहनों में कितने लोगों की मौत हुई है और वो कैसे सुरक्ष को सुनिश्चित करे। वोल्वो इंजीनियर्स नई क्रेश-प्रीवेंशन टेक्नोलॉजी के साथ हर बार ज्यादा सुरक्षित कार का निर्माण करने में जुटे हुए हैं। 2020 तक तमाम कंपनियों ने ऑटो ड्राइव कार पेश करने की बात कही है, जिसमें वोल्वो भी शामिल है। वोल्वो का कहना है कि यह सभी नई टेक्नोलॉजी का एक साथ मिश्रण से सुरक्षा का स्तर कई गुना बढ़ जाएगा।
तस्वीरों में देखिए वोल्वो से जुड़े फीचर्स
volvo death proof cars
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वोल्वो के सेफ्टी इंजीनियर इरिक कूलिंग कहते हैं कि जब आप एक फुली ऑटोनोमस व्हीकल का निर्माण करते हैं तो आप एक कार के साथ होने वाली हर संभावित चीजों को सोचने की प्रक्रिया से गुजरते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि ड्राइवर को सुरक्षित रहने के लिए अनिवार्य रूप से कार का ऑटोनोमस ड्राइविंग मोड का चुनाव करना होगा। यहां तक कि जब ड्राइवर का पूरा नियंत्रण कार पर होता है, यह सिस्टम बैकग्रांउड में काम करता रहेगा और कोई भी खतरा आने की परिस्थिति में यह कार पर कंट्रोल हासिल कर लेगा। ऑटोनोमस ड्राइविंग के लिए जरूरी अधिकांश टेक्नोलॉजी वोल्वो और अन्य ऑटो कंपनियों के पास पहले से ही मौजूद है।
यहां हम कुछ ऐसे फीचर्स पर नजर डालते हैं, जिनके एक साथ आने पर एक ऐसी कार का निर्माण होगा, जो पूरी तरह से दुर्घटनामुक्त होगी।
एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल
अधिकांश नई कारों में एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल उपलब्ध है, इसमें सड़क पर आगे चलने वाले वाहनों की जानकारी के लिए रडार और कभी-कभी अन्य सेंसर का उपयोग किया जाता है। इसके जरिये आप अधिकतम स्पीड तय कर सकते हैं और इसके बार आपकी कार अपने आप आगे वाले वाहन से सुरक्षित दूरी बनाकर रखती है। यह अपने आप स्पीड कम करती है और आपके लिए ब्रेक भी लगाती है। इस तरह के कुछ सिस्टम केवल हाईवे पर काम करते हैं, लेकिन बहुत सी कार इस सिस्टम के साथ ट्रैफिक में भी काम करती हैं।
ऑटो लेन कीपिंग असिस्ट
कार में लगे कैमरा अपनी लेन लाइन और सड़के छोर को पहचानते हैं और कार स्वयं अपनी लेन में चलती रहती है।
टक्कर से बचाव
रडार, कैमरा या अन्य सेंसर आगे आने वाली बाधाओं की पहचान करते हैं और ड्राइवर को चौंकन्ना रखते हैं। यदि ड्राइवर इन चेतावनी की अनदेखी करता है तो कार स्वयं किसी दुर्घटना को टालने के लिए ब्रेक लगा देगी या स्पीड को ऑटोमैटिक कम कर देगी। अमेरिका में ऑटो सेफ्टी रेगूलेटर्स ने पाया है कि यह तकनीक टक्कर कम करने में काफी प्रभावी है।
पेडेस्ट्रेन डिटेक्शन
इस कार में ऐसा कैमरा होगा, जो रात में भी साफ देख सकेगा, इसकी प्रोग्रामिंग कुछ ऐसी होती है तो कार के रास्ते में आने वाले मनुष्य की पहचान करेगा। यह ड्राइवर को पहले ही अलर्ट कर देगा और कार ऑटोमैटिकली ब्रेक लगा देगी।
लार्ज एनीमल डिटेक्शन
तेज कार से हिरण, कार या अन्य बड़े जानवर को टक्कर मारना न केवल जानवर के लिए बुरा होगा बल्कि कार यात्रियों के लिए भी बहुत बुरा होगा। वोल्वो ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है जो आपकी कार के आगे अचानक आने वाले बड़े जानवर की पहले ही सूचना देगा और आपकी और नसमझ जानवर दोनों की जान बचाएगा।