नई दिल्ली। कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन इंडिया ने मंगलवार को घोषणा की है कि अब उसके वाहन सेंट्रल पुलिस कैंटीन के जरिये भी बेचे जाएंगे।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि फॉक्सवैगन कारें अब सेंट्रल पुलिस कैंटीन की मास्टर और सब्सिडियरी कैंटीन के जरिये बेची जाएंगी।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि,
बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स समेत सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ ही अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों के कर्मचारी अब आकर्षक कीमत और अतिरिक्त लाभ जैसे प्राथमिक डिलीवरी, चुनिंदा राज्यों में टैक्स छूट पर फॉक्सवैगन कार खरीद सकते हैं।
- फॉक्सवैगन पैसेंजर कार इंडिया डायरेक्टर माइकल मेयर ने कहा कि सुरक्षा जवानों को सीपीसी के जरिये अपनी कार उपलब्ध कराकर हमने अपने उस वादे में एक मील का पत्थर जोड़ा है, जिसके तहत हम ग्राहकों को भारत में उपलब्ध सभी कारों में से सबसे सुरक्षित कार चुनने का विकल्प देते हैं।
- सेंट्रल पुलिस कैंटीन (सीपीसी) वर्तमान में 119 मास्टर कैंटीन और 1500 से ज्यादा सब्सिडियरी कैंटीन का संचालन कर रही है।
उत्सर्जन घोटाले में फॉक्सवैगन का पूर्व अधिकारी गिरफ्तार
फॉक्सवैगन के एक पूर्व अधिकारी को डीजल उत्सर्जन मामले की जांच में धोखाधड़ी करने के आरोप में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका में 2014 से मार्च 2015 तक फॉक्सवैगन नियामक अनुपालन कार्यालय के प्रमुख के रूप में काम करने वाले ओलिवर शिमित को सोमवार को अदालत में पेश किया गया।
फॉक्सवैगन के खिलाफ दायर मुकदमे के अनुसार, शिमित ने साल 2014 के अंत के बाद कंपनी के डीजल वाहनों से मानक से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के संबंध में मनगढ़ंत तकनीकी स्पष्टीकरण दिया था।
तस्वीरों में देखिए फॉक्सवैगन की एमियो को
volkswagen ameo
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फॉक्सवैगन समूह ने सितम्बर 2015 में यह स्वीकार किया कि उसने ‘डिफीट डिवाइस’ नाम का उपकरण डिजाइन किया था जिससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की जांच के दौरान वाहन इस परीक्षण को आसानी से पास कर लें। शिमित की गिरफ्तारी के बाद यह मामला अधिकारी स्तर तक पहुंच गया है।फॉक्सवैगन के अधिकारी ओलीवर शेमी को एफबीआई ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। उस पर फॉक्सवैगन के उत्सर्जन मानकों से छेड़छाड़ करने के घोटाले में प्रमुख भूमिका का आरोप है।