नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया ने शनिवार को कहा कि उसने एजीआर बकाये में दूरसंचार विभाग(डीओटी) को अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये चुका दिए हैं। नियामकीय फाइलिंग में, कंपनी ने कहा कि नवीनतम भुगतान के तहत, हमने एजीआर भुगतान के तहत कुल 7,854 करोड़ रुपये चुका दिए हैं।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, "कंपनी ने एजीआर बकाये में डीओटी को अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये चुका दिए हैं। इससे पहले कंपनी ने तीन किश्तों में 6,854 करोड़ रुपये चुका दिए थे। कंपनी ने इसके साथ ही एजीआर बकाये में कुल 7,854 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।"
एजीआर मामले में अंतिम सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार ऑपरेटरों से मार्च 2020 समेत बीते 10 वर्षो के बैलेंस सीट, आयकर रिटर्न और आईजीआर भुगतान का ब्यौरा पेश करने को कहा था। अदालत ने साथ ही दूरसंचार कंपनियों से सुनवाई की अगली तारीख 20 जुलाई से पहले नेक नीयती दिखाते हुए उचित राशि भुगतान करने कहा था। उच्चतम न्यायालय के एजीआर पर 24 अक्टूबर, 2019 के आदेश के अनुसार वोडाफोन आइडिया पर 58,254 करोड़ रुपये का बकाया है।
शुक्रवार को ही वोडाफोन को दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से राहत मिली है। TDSAT ने ट्राई के वोडाफोन आइडिया को अपनी प्राथमिकता वाली योजना (Premium Plan) को लागू नहीं करने के अंतरिम निर्देश पर रोक लगा दी। इस योजना में कुछ श्रेणी के ग्राहकों को प्राथमिकता के आधार 4जी नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गयी थी। न्यायाधिकरण के इस निर्णय से वोडाफोन आइडिया लि.(वीआईएल) को अस्थायी राहत मिली है।
इस सप्ताह की शुरूआत में वीआईएल ने न्यायाधिकरण में अर्जी देकर दूरसंचार नियामक एवं विकास प्राधिकरण (ट्राई) के उस निर्देश को चुनौती दी थी, जिसमें मामले की समीक्षा तक योजना को टाले जाने को कहा गया था। न्यायाधिकरण ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि ट्राई इस मामले की जांच करे और नैसर्गिक न्याय की जरूरत को सुनिश्चित करने के बाद यथाशीघ्र कानून के अनुसार अंतिम आदेश दे। मामले में वीआईएल को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका दिया जाए। दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) ने कहा कि इसीलिए ट्राई के 11 जुलाई को जारी पत्र के दूसरे पैराग्राफ में दिये गये अंतरिम निर्देश पर अगले आदेश तक के लिये रोक लगायी जाती है। पत्र में ट्राई ने वीआईएल से योजना पर रोक लगाने को कहा था।