मुंबई। टू-व्हीलर बाजार नोटबंदी के झटके के बावजूद भी चालू वित्त में 7-8 प्रतिशत की अच्छी ग्रोथ रेट हासिल कर सकता है। पिछले साल नवंबर में 1000 और 500 रूपए के पुराने नोटों को चलन से वापस लेने के सरकार के निर्णय के पहले टू-व्हीलर की बिक्री 10 प्रतिशत से भी अधिक गति से बढ़ रही थी।
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नोटबंदी के कारण बाजार में नकदी की तंगी से नवंबर से जनवरी के बीच टू-व्हीलर वाहनों की बिक्री 11.3 प्रतिशत कम हो गई। भारत-4 प्रदूषण मानक लागू किए जाने से ठीक पहले मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) कंपनियां अपने भंडार का स्टॉक दुरूस्त करने में लगी हैं।
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नए मानक अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं। इकरा की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष अप्रैल-मार्च 2016-17 के पहले दस महीनों में टू-व्हीलर की बिक्री 8.3 प्रतिशत रही। यह दर इसके पहले के चार वित्तीय वर्षों से बेहतर है।