बेंगलुरु। भारत में यात्री कारों पर कर की दर उनके आकार से नहीं , उत्सर्जन के हिसाब से होनी चाहिए। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एक शीर्ष कार्यकारी ने यह बात कही। कंपनी भारत में कैमरी हाइब्रिड बेचती है। कंपनी ने यहां पर्यावरणनुकूल वाहनों पर कर कटौती की मांग की है , जिससे वह इसी तरह की प्रोद्योगिकी वाले और वाहन भारतीय बाजार में उतार सके।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन एवं पूर्णकालिक निदेशक शेयर विश्वनाथन ने कहा, ‘‘हम ईंधन पर सरकार की नीति में स्थिरता चाहते हैं जिसमें कर उत्सर्जन के स्तर के आधार पर लगाया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि प्रत्येक कार के उत्सर्जन के स्तर को मापा जाना चाहिए और उसी के आधार कर लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वाहनों पर कर की दर इंजन क्षमता के हिसाब से नहीं होना चाहिए। मौजूदा प्रणाली में यात्री वाहनों पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगता है। इसके अलावा पेट्रोल इंजन वाले चार मीटर से कम के वाहन पर एक प्रतिशत उपकर लगता है। वहीं चार मीटर से बड़ी एसयूवी पर उपकर की दर 22 प्रतिशत तक होती है।
विश्वनाथन ने कहा , ‘‘ वाहन उद्योग में इस पर एकराय नहीं है , क्योंकि कुछ लोगों पर इसका दूसरे की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ा है। उद्योग को प्रोत्साहन देने का समानता वाला तरीका यह होगा कि वाहनों पर उत्सर्जन के हिसाब से कर लगाया जाए।