पैसेंजर कारों की घटती बिक्री से देश की सभी कार कंपनियां मुश्किल में हैं। लेकिन देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की हालत ज्यादा ही पतली है। महीने में लाखों का बेचने वाली मारुति की बिक्री पिछले महीने 33 फीसदी घट गई है। इसकी वजह से कंपनी को अपनी वर्क फोर्स में कमी करनी पड़ रही है। समाचार एजेंसी रॉयर्टस के मुताबिक, पैसेंजर कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने 30 जून को खत्म हुए छमाही में 18,845 अस्थायी कर्मचारियों को रोजगार दिया. जो पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी या 1,181 कर्मचारी कम हैं।
मारुति में इतने बड़ जॉब कट की बात पहली बार सामने आई है। कंपनी ने कहा कि उसने स्थायी कर्मचारियों की संख्या में कोई कटौती नहीं की है। मार्च के अंत तक ये संख्या 15,892 थी। हालांकि कंपनी ने ये कहने से इनकार कर दिया कि पिछले साल की तुलना में क्या कटौती की योजना बनाई गई। कंपनी ने पहले ही बताया था कि साल के पहले छह महीनों के उत्पादन में 10.3 फीसदी की कटौती की गई है।
बिक्री में अभूतपूर्व गिरावट
मारुति सुजुकी के लिए जुलाई का महीना किसी बुरे सबने जैसा रहा। एक महीने में मारुति की बिक्री में अभूतपूर्व गिरावट आई है। मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री जुलाई महीने में 33.50 फीसदी गिरकर 1,09,264 यूनिट्स पर आ गयी। कंपनी ने एक बयान में कहा था कि उसने पिछले साल जुलाई में 1,64,369 यूनिट्स की बिक्री की थी। इसी महीने के दौरान कंपनी की घरेलू बिक्री पिछले साल के 1,54,150 गाड़ियों की तुलना में 36.30 फीसदी गिरकर 98,210 गाड़ियों पर आ गयी।