नई दिल्ली। अपनी बेहतरीन कारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध निसान भारतीय बाजार में भी काफी लोकप्रिय नाम है। यहां आम लोग ही नहीं बल्कि क्रिकेट और फिल्म जगत के सितारे भी इसकी लक्जरी कारों के दीवाने हैं। पिछले साल लॉन्च की गई निसान जीटी-आर के लिए यह उत्साह और भी ज्यादा है। भारतीय बाजार में निसान जीटी-आर को दिसम्बर 2016 में उतारा गया था, इसकी कीमत 1.99 करोड़ रुपए
(एक्स-शोरूम, दिल्ली) है, पहले ही साल में कंपनी ने इसकी 10 यूनिट बेचीं हैं।
जब इस कार पर लोकप्रिय हस्तियां फिदा हैं, तो इसमें जरूर ही कोई खास बात तो होगी ही। मशहूर कार मैगजीन cardekho.com के साथ हम आज बताने जा रहे हैं निसान जीटी-आर से जुड़ी सात ऐसी दिलचस्त बातें, जिनसे आप शायद वाकिफ न हों…
1.जीटी-आर को 1950 में स्काईलाइन जीटी-आर नाम से पेश किया गया था, इसे जापान की कार कंपनी प्रिंस मोटर्स ने तैयार किया था, बाद में इस कंपनी को डैटसन ने खरीद लिया और डैटसन ने 1969 में स्काईलाइन जीटी-आर को लॉन्च किया, फिर डैटसन नेमप्लेट को बदलकर इसे निसान कर दिया गया।
3. जीटी-आर की सबसे बड़ी खासियत है इसकी परफॉर्मेंस, पांच खास इंजीनियर ही इन्हें तैयार करते हैं, इन्हें ताकूमी कहते हैं। एक इंजीनियर, एक 3.8 लीटर के वी-6 इंजन को एकदम सील पैक कमरे में हाथ से एसेंबल करता है। यह एक बड़ी वजह है कि हर जीटी-आर की पावर एक जैसी नहीं होती, इस पूरी प्रक्रिया में करीब छह घंटे का समय लगता है।
4. जीटी-आर दुनिया की सबसे फुर्तीली 4-सीटर कार है, 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पाने में इसे महज 2.8 सेकंड का समय लगता है, इस मामले में यह पोर्श 911 और लैम्बॉर्गिनी एंवटाडोर (2-सीटर स्पोर्ट्स कार) के बाद दूसरे नंबर पर आती है।
5. जीटी-आर, फोर्जा और ग्रां टूरिस्मो जैसे कई पॉपुलर वीडियो गेम का हिस्सा है, इसके अलावा फास्ट एंड फ्यूरिस जैसी कई लोकप्रिय हॉलीवुड मूवी में इसका इस्तेमाल हुआ है।
6. मौजूदा जीटी-आर के फंक्शन इस्तेमाल में काफी आसान है, इसके सेंटर कंसोल पर 16 स्विच, 8 इंच की स्क्रीन, बेहतर कंफर्ट और कुशनिंग वाली सीटें दी गई हैं। सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए इसके टायरों में नाइट्रोजन का इस्तेमाल हुआ है, इस वजह से 200 की रफ्तार पर भी टायर पंचर हो जाएं तो कोई परेशानी नहीं होगी।
7. 68वें गणतंत्र दिवस को यादगार बनाने के लिए इस साल जनवरी महीने में निसान जीटी-आर ने जमीन पर भारत का नक्शा (आउटलाइन) उकेरा था, इस नक्शे की खासियत ये थी कि यह जमीन पर उकेरा गया किसी भी देश का सबसे बड़ा नक्शा था। इसके लिए जीटी-आर का नाम लिम्का बुक में भी दर्ज किया गया। इस ऐतिहासिक पल के लिए निसान ने राजस्थान के मशहूर सांभर लेक को चुना था।