नई दिल्ली। देश की बड़ी कार कंपनी Tata Motors ने भले ही मार्च में 35 प्रतिशत ज्यादा गाड़ियां बेच दी हो लेकिन 10 साल पहले लॉन्च हुई Tata Nano कार के लिए अब खरीदार नहीं मिल रहे हैं, घरेलू मार्केट में तो Tata Motors इक्का-दुक्का Nano कार बेच देती है लेकिन विदेशी बाजारों में इसका मार्केट इतना खराब हो चुका है कि एक महीने में एक गाड़ी का भी एक्सपोर्ट नहीं हो पाया है।
Tata Motors की तरफ से मंगलवार को जारी किए गए मार्च के उत्पादन, बिक्री और एक्सपोर्ट आंकड़ों के मुताबिक मार्च में एक भी Nano कार का एक्सपोर्ट नहीं हो पाया है। पिछले साल मार्च में कंपनी 118 Nano गाड़ियां निर्यात करने में कामयाब हो गई थी। घरेलू स्तर पर Tata Nano के लिए हालात अच्छे नहीं हैं, आलम यह हो चुका है कि एक दिन में Tata Motors एक Tata Nano कार भी नहीं बेच पा रही है। मार्च के बिक्री के आंकड़ों से यह जानकारी निकलकर आई है।
Tata Motors के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में कंपनी ने सिर्फ 29 Tata Nano गाड़ियों की बिक्री की है जो 2017 के मार्च में हुई बिक्री से 83 प्रतिशत कम है, पिछल साल मार्च में कंपनी ने 174 Nano गाड़ियों की बिक्री की थी। उत्पादन की बात करें तो इस साल मार्च में कंपनी ने सिर्फ 31 Tata Nano गाड़ियों का उत्पादन किया है जबकि पिछले साल मार्च में 343 गाड़ियों का उत्पादन हुआ था।
Tata Motors ने 10 साल पहले Tata Nano को लॉन्च किया था, उस समय Tata Group के चेयरमैन रतन टाटा ने खुद इसे लॉन्च किया था, लॉन्चिंग के समय इस गाड़ी की कीमत सिर्फ 1 लाख रुपए रखी गई थी। लेकिन कम कीमत होने के बावजूद देश में ज्यादा लोगों को यह पसंद नहीं आई और अब मजबूर होकर कंपनी को इसका उत्पादन घटाना पड़ रहा है।