नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफीशियंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) ने जानकारी दी थी कि वह टाटा मोटर्स से 10,000 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेगी। टाटा मोटर्स को यह ठेका प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद हासिल हुआ था। टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक सेडान टिगोर का निर्माण गुजरात के साणंद प्लांट में करेगी ताकि EESL से मिले 1,120 करोड़ रुपए के ऑर्डर को पूरा किया जा सके। टाटा मोटर्स के सूत्रों ने बताया कि टिगोर के इलेक्ट्रिक वर्जन का उत्पादन साणंद प्लांट में किया जा एगा।
EESL का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के परिणामस्वरूप 2030 तक डीजल और पेट्रोल उपभोग में 156 मिलियन टन तेल के बराबर कमी आएगी और इससे देश को 3.9 लाख करोड़ रुपए की शुद्ध बचत होगी। EESL ने एक बयान में कहा कि टाटा मोटर्स दो चरणों में इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति करेगी।
पहले चरण के तहत नवंबर 2017 में कंपनी 500 ई-कार की आपूर्ति करेगी। शेष 9,500 वाहन की आपूर्ति दूसरे चरण में की जाएगी। उसने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए टाटा मोटर्स का चयन अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के जरिए किया गया है।
EESL ने बताया कि टाटा मोटर्स ने प्रतिस्पर्धी बोली में सबसे कम कीमत 10.16 लाख रुपए (बिना GST के) की बोली लगाई थी। यह वाहन GST के साथ 11.2 लाख रुपए में कंपनी उपलब्ध करवाएगी और इसके साथ 5 साल की वारंटी भी देगी। टाटा मोटर्स द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला वाहन बाजार में वर्तमान में मौजूद समान वाहन की तुलना में 25 प्रतिशत सस्ता है और इनके साथ 3 साल की वारंटी आती है।
इस टेंडर में महिंद्रा एंड महिंद्रा और निसान ने भी भाग लिया था और टाटा मोटर्स और एमएंडएम की बोलियां खोली गईं। EESL का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल इलेक्ट्रिक वाहन खरीद टेंडर है। ऊर्जा मंत्रालय के अधीन कार्यरत EESL ने कहा कि 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद के साथ ही उसने एक सर्विस प्रदाता एजेंसी की भी पहचान की है। यह एजेंसी, जिसे प्रतिस्पर्धी बोली के जरिये नियुक्त किया गया है, एंड-टू-एंड फ्लीट मैनेजमेंट देखेगी।