मुंबई। वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली टाटा मोटर्स के स्टॉक में पड़े भारत चरण तीन (बीएस-III) मानक वाहनों को लेकर चिंतित नहीं है। कंपनी ने कहा कि उसके भंडार में बचे हुए बीएस-III वाहनों की बिक्री नहीं होने से उसके मुनाफे पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। कंपनी को इसी महीने में निर्यात के माध्यम से निपटारा हो जाने की उम्मीद है।
कंपनी के वाणिज्यिक वाहन कारोबार इकाई कार्यकारी निदेशक रविंद्र पिशारोदी ने कहा कि हमारे पास बीएस-3 मानक के करीब 15,000 वाहन हैं और इसमें से मात्र 3,000 वाहन डीलरों के पास है। तो हमें इसमें कोई बहुत ज्यादा परेशान होने वाली बात नजर नहीं आती, हम आसानी से इनका निर्यात कर सकते हैं।
इन गैर-बिके वाहनों का मूल्य पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इनका मूल्य 4,000 करोड़ रुपए के अंदर ही है। कंपनी अपने इस स्टॉक को लेकर चिंतित नहीं है क्योंकि वह इन्हें बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल भेज सकती है। वह इन तीनों देशों में कुल मिलाकर हर साल वह 40,000 वाहनों की बिक्री करती है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2017 से बीएस-चार मानक पर खरे नहीं उतरने वाले वाहनों को भारत में नहीं बेचने का फैसला सुनाया था। इसके बाद देशभर में बीएस-तीन मानक वाली गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध है। कोर्ट के फैसले के बाद कंपनियों ने कार और बाइक पर भारी डिस्काउंट देरकर स्टॉक खत्म करने की कोशिश की थी।