नई दिल्ली। टाटा मोटर्स अपने यात्री वाहन कारोबार के लिए भागीदार की तलाश कर रही है। टाटा मोटर्स के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी अगले दशक की वृद्धि के लिए तैयारी कर रही है। इस दौरान नई प्रौद्योगिकियों, नियमनों में भारी निवेश देखने को मिलेगा। कंपनी द्वारा अपने यात्री वाहन कारोबार के लिए एक अलग इकाई बनाने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही वह सक्रिय तरीके से भागीदार की तलाश में जुटी है। इससे पहले टाटा मोटर्स के निदेशक मंडल ने इसी साल एक अलग इकाई बनाने की मंजूरी दी थी। कंपनी यह इकाई अपने यात्री वाहन कारोबार और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बना रही है।
इस इकाई में कंपनी अपने संबद्ध कारोबार की संपत्तियां, बौद्धिक संपदा तथा कर्मचारियों को स्थानांतरित करेगी, जिससे एकल आधार पर इसका संचालन किया जा सके। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष यात्री वाहन कारोबार इकाई (पीवीबीयू) शैलेश चंद्रा ने कहा कि इस प्रक्रिया का पूरा उद्देश्य सक्रिय तरीके से भागीदार की तलाश करना है। वास्तविकता यह है कि सहयोग से हम अगले दशक के लिए क्षमता का बेहतर तरीके से दोहन कर सकते हैं। अगले दशक के दौरान नई प्रौद्योगिकियों और नियमनों में भारी निवेश होगा।
उन्होंने कहा कि भागीदार के जरिये उत्पाद के जीवनचक्र को कम करने और नए उत्पादों को तेजी से पेश करने में मदद मिलेगी। चंद्रा ने कहा कि इन सब के लिए भारी निवेश की जरूरत होगी। साथ ही तत्परता भी महत्वपूर्ण होगी। ऐसे में हम सक्रिय तरीके से भागीदार की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई इकाई बनाने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही कंपनी एक भागीदार की तलाश भी कर रही है। इससे हम संपत्तियों और क्षमता का सृजन कर पाएंगे, जिससे दोनों को फायदा होगा।
दोनों के लिए समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर चंद्रा ने कहा कि इसके लिए कोई विशेष समयसीमा तय नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि कारोबार को एक अलग वैध इकाई में बदलने के काम को हम एक साल में तेज करना चाहेंगे। जहां तक भागीदार का सवाल है, हम इस पर लगातार काम करते रहेंगे।