नई दिल्ली। टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने घरेलू स्तर पर प्रबंधकीय (मैनेजरल) स्तर पर 1500 तक कार्यबल (जॉब्स) में कटौती की है। संगठन को पुनगर्ठित करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी गुएंटेर बट्सचेक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कुल 13,000 प्रबंधक हैं, जिसमें से 10 से 12 प्रतिशत (1,500 तक) की कटौती की गई है।
L&T और HDFC बैंक ने भी की थी छंटनी
देश की सबसे बड़ी इंजिनियरिंग कंपनी लारसन ऐंड टूब्रो ने पिछले फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में 14,000 एंप्लॉयीज को बाहर कर दिया था। यह आंकड़ा कंपनी के कुल वर्कफोर्स के 11.2% के बराबर था। एलऐंडटी ग्रुप ने यह कदम बिजनेस में आई मंदी के चलते अपने वर्कफोर्स को ‘सही लेवल’ पर लाने की कोशिश के तहत उठाया था। कंपनी का कहना था कि ग्रुप में डिजिटाइजेशन के चलते बड़ी संख्या में एंप्लॉयीज के लिए कोई काम नहीं बचा था, जिसके चलते यह छंटनी की गई।यह भी पढ़े: टाटा मोटर्स इसी महीने लॉन्च करेगी Jaguar XE का डीजल वर्जन, 2 लाख में शुरू हुई बुकिंग
भारत के बड़े बैंकों में से एक एचडीएफसी ने भी अक्टूबर से लेकर दिसंबर की तिमाही में अपने 4,500 कर्मचारियों को काम से निकाला था। बैंक ने इसकी वजह लागत बढ़ना बताया था। बैंक की आय वृद्धि 18 साल के निचले स्तर पर गिर गई और लागत पर खर्चा बढ़ गया।यह भी पढ़े: Tata Motors ने बढ़ाए अपने वाहनों के दाम, Tiago व Hexa खरीदने के लिए चुकानी होगी ज्यादा कीमत
IT कंपनियां भी कर रही है छंटनी
प्रमुख आईटी कंपनी Infosys अपने मध्य व वरिष्ठ स्तर के सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी में है। कंपनी चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच कर्मचारियों के परफॉर्मेंस की छमाही कामकाजी समीक्षा कर रही है। Infosys यह काम ऐसे समय में कर रही है जबकि Wipro और Cognizant जैसी अन्य कंपनियां भी लागत घटाने के लिए ऐसे कदम उठा चुकी हैं। यह भी पढ़े: JLR की बिक्री अप्रैल में 2.3 प्रतिशत घटी, दुनियाभर में बेचीं 40,385