नयी दिल्ली: टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को कहा कि कंपनी ने 2025 तक घरेलू उत्पाद पोर्टफोलियो में 10 नए बैटरी-विद्युत वाहन (बीईवी) पेश करने की योजना बनाई है। उनका कहना है कि कंपनी आने वाले वक्त में अपने कारोबार के मॉडल को स्वच्छ ऊर्जा वाले वाहनों के दौर के हिसाब से आगे बढ़ाएगी उन्होंने शेयरधारकों के लिए अपने संदेश में कहा कि टाटा मोटर्स का लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा वाले वाहनों की दुनिया में अग्रणी कंपनी बनना है और इसके तहत वह अपने आने वाले हरित वाहनों के लिए जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से सेल और बैटरी विनिर्माताओं से गठजोड़ की संभावनाएं तलाश रही है।
चंद्रशेखरन ने 2020-21 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों से कहा, ‘‘भारत में हमारे पोर्टफोलियो में ईवी (विद्युत-वाहन) की हिस्सेदारी इस साल दोगुनी होकर दो प्रतिशत हो गई है और हमें आने वाले वर्षों में तेजी से वृद्धि की उम्मीद है। टाटा मोटर्स भारतीय बाजार में इस बदलाव का नेतृत्व करेगी। 2025 तक टाटा मोटर्स के पास 10 नए बीईवी वाहन होंगे और एक समूह के रूप में हम देश भर में चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से निवेश करेंगे।’’
उन्होंने बताया कि इसके अलावा टाटा समूह बैटरी की आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए भारत और यूरोप में सेल और बैटरी निर्माण में सक्रिय रूप से भागीदारी तलाश रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी वाहनों के ऐसे साफ्टवेयर और अभियांत्रिकी के विकास में भी लगी है जिससे उसे नेट प्रणालियों से जुड़े और स्वायत्त (चालक रहित) वाहनों के बाजार का नेतृत्व करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जगुआर लैंड रोवर ने 2036 तक अपने वाहनों में साइलेंसर के रास्ते कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स की दुनिया भर में उपस्थिति है और यह आवागमन के समाधान की दुनिया में अग्रणी स्थान के लिए बेजोड़ जगह पर है। कंपनी 150 देशों में कारोबार कर रही है और इसमें 7,50,000 कर्मचारी काम कर रहे है। कंपनी 65 करोड़ ग्राहकों के जीवन को स्पर्श करती है।