नई दिल्ली। व्यक्तिगत उपयोग के लिए खरीदे जाने वाले चार पहिया ई-वाहनों को फेम-दो योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी के दायरे से बाहर रखने पर एमजी मोटर इंडिया ने हैरानी जताई है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि देश में ई-वाहन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहनों को कीमत और आकार के आधार पर भेदभाव किए बिना प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
हाइब्रिड और ई-वाहनों के इस्तेमाल को तेजी से बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले हफ्ते 10,000 करोड़ रुपए की फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल (फेम) योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दी थी। इसके तहत वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन में इस्तेमाल किए जाने वाले तिपहिया और चार पहिया ई-वाहनों को ही सब्सिडी देने का प्रस्ताव है। जबकि दोपहिया वाहन श्रेणी में सारा जोर निजी उपयोग वाले वाहनों पर है।
एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव चाबा ने एक बयान में कहा कि हमारा मानना है कि देश में ई-वाहन संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए इसे बड़े स्तर पर फैलाने की जरूरत है और इसके लिए कीमत या आकार के आधार पर भेदभाव करने की जरूरत नहीं है। इसमें निजी उपयोग की कारों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से हर वर्ग के लोग पर्यावरण हितैषी परिवहन साधन अपनाने को प्रोत्साहित होंगे। निजी उपयोग वाली कारों के लिए इस योजना के दायरे में कोई भी घोषणा नहीं की गई है जो थोड़ा अचंभित करने वाला है। हालांकि हम एक अप्रैल से लागू की जाने वाली फेम दो योजना का स्वागत करते हैं। यह देश में ई-वाहनों को अपनाने की दिशा में एक आगे बढ़ने वाला कदम है।