नई दिल्ली। माइलेज के आधार पर कार का चुनाव करने के लिए अब आपको कंपनी के दावे पर निर्भर रहने की जरूर नहीं होगी। जल्द ही देश में कार का माइलेज बताने के लिए स्टार रेटिंग प्रक्रिया शुरू होने वाली है। यह ठीक उसी प्रकार होगी, जैसे की अभी बिजली खपत के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर स्टार रेटिंग होती है। इस प्रक्रिया में जिस कार पर जितने ज्यादा स्टार होंगे, उसका मतलब उस कार का माइलेज उतना ही बेहतर होगा। सरकार सभी कार कंपनियों और इंपोर्टर्स के लिए नया नियम बनाने जा रही है, जिसमें सभी को अपनी कार की विंड शील्ड पर एक टेम्पर प्रूफ स्टीकर लगाना अनिवार्य होगा, जिसमें स्टार रेटिंग दी गई होगी। कार पर एक से लेकर पांच स्टार की रेटिंग दी जाएगी, यह रेटिंग माइलेज दक्षता मानक के आधार पर दी जाएगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें स्टार रेटिंग स्टीकर का डिजाइन और आकार का विवरण है। सूत्रों के मुताबिक स्टार रेटिंग से ग्राहकों के बीच माइलेज को संशय की स्थिति समाप्त होगी और कोई भी कार डीलर माइलेज को लेकर अपनी ओर से कोई भी दावा नहीं कर सकेंगे। इस नोटिफिकेशन में एलपीजी और सीएनजी वाहनों के लिए भी स्टार रेटिंग के नियमों का उल्लेख किया गया है।
ये हैं भारत की टॉप 5 माइलेज देने वाली कारें
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स्टार रेटिंग का ये होगा फॉर्मूला
माइलेज की गणना करने के लिए सरकार एक फॉर्मूले पर काम कर रही है, जिसमें 100 किलोमीटर की यात्रा में उपयोग किए गए ईंधन और वाहन के वजन को शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक 100 किलोमीटर की यात्रा के लिए 7 लीटर तक ईंधन की खपत करने वाले व्हीकल को अधिकतम 5 स्टार दिए जाएंगे और जो व्हीकल 12 लीटर से अधिक ईंधन की खपत करेंगे उसे सिंगल स्टार दिया जाएगा।
अप्रैल से करना होगा ईंधन खपत मानकों का अनुपालन
सड़क परिवहन मंत्रालय ने ईंधन खपत मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भी अप्रैल 2017 की तिथि को अंतिम तिथि घोषित किया है। इन मानकों को ऊर्जा मंत्रालय ने अप्रैल 2015 में अधिसूचित किया था। इन मानकों के मुताबिक ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को अपने व्हीकल का माइलेज 2021-22 तक 10 फीसदी सुधारना होगा। दूसरा चरण 2022 से शुरू होगा और इसमें ईंधन दक्षता में 30 फीसदी सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है। इन नियमों का पालन न करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। जो कंपनी कार्बन उत्सर्जन मानकों को पूरा करने में विफल होगी, उस पर पहले दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा और प्रति दिन दस हजार रुपए देने होंगे, जब तक की उसके वाहन नियमों के अनुरूप नहीं हो जाते।