नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक जुलाई से लागू हो जाने के बाद छोटी और मझौली कारों के दाम में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। जीएसटी में कम से कम 10 केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय कर समाहित हो जाएंगे और उनके स्थान पर केवल एक कर लगेगा। जीएसटी व्यवस्था के तहत विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं को पांच, 12, 18 और 28 फीसदी की चार दरों में से किसी न किसी एक दर में रखा जायेगा। ये दरें वर्तमान कराधान के आसपास ही होंगी।
छोटी कारों पर फिलहाल 12.5 फीसदी केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगता है। इसके अलावा राज्यों में उस पर 14.5-15 फीसदी वैट लगता है। इस तरह इन कारों पर कुल मिलाकर 27 से 27.5 फीसदी कर लगता है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस श्रेणी की कारों के लिए निकटतम स्लैब 28 फीसदी का होगा, फलस्वरूप उनका दाम थोड़ा बढ जाएगा।
इसी प्रकार मध्यम श्रेणी की 1500 सीसी क्षमता की कारों पर फिलहाल केंद्र सरकार 24 फीसदी उत्पाद शुल्क लगाती है तथा राज्य सरकारें 14.5 फीसदी वैट वसूलती है। इस प्रकार इन कारों पर 38.5 फीसदी कर लगता है। अधिकारी ने कहा कि इस श्रेणी के वाहनों पर अधिकतम 28 फीसदी दर से जीएसटी लगेगा इसके अलावा राज्य क्षतिपूर्ति उपकर लगने से उसकी कर दर मौजूदा दर के करीब पहुंच जाएगी।
जीएसटी कानून में राज्यों की राजस्व क्षतिपूर्ति के लिए एक कोष बनाने का प्रावधान है। इस कोष के लिए पान मसाला, तंबाकू और कुछ श्रेणी की कारों पर शीर्ष दर के उपर उपकर लगाया जाएगा। उपकर से मिलने वाली राशि को क्षतिपूर्ति कोष में रखा जाएगा जिसका इस्तेमाल राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये किया जायेगा। जीएसटी कानून में राज्यों को जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल तक राजस्व नुकसान की भरपाई किये जाने का प्रावधान किया गया है।