नई दिल्ली। सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मोटरसाइकल के पीछे बैठे यात्री के लिए भी सुरक्षा मापदंडों की पूर्ती को अनिवार्य कर दिया गया है। इन सुरक्षा उपकरणों में साड़ी गार्ड और हैंड ग्रिप्स शामिल हैं। इससे पहले 2008 में मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के आदेश पर वाहन निर्माताओं की संस्था सियाम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दर्ज की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 2008 में एक फैसला सुनाया था जिसमें उन दो-पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसमें पिछली सीट पर बैठे यात्री के लिए सुरक्षा व्यवस्था ना की गई हो। उस समय एमपी हाईकोर्ट ने बिना साड़ी गार्ड और हैंड ग्रिप वाले टू-व्हीलर्स की बिक्री पर बैन लगा दिया था। इसके खिलाफ टूव्हीलर निर्माता कंपनियों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 2008 में ही सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी डाली थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश पर स्टे दे दिया था।
हालांकि हाइकोर्ट के आदेश के बाद से भारत में जो भी बाइक बनती हैं या असेंबल होती हैं उनमें तो साड़ी गार्ड तो दी जाने लगी हैं लेकिन हैंड ग्रिप अभी भी गायब हैं। लेकिन आयातित बाइक में साड़ी गार्ड की कोई व्यवस्था नहीं होती। ऐसे में अब ट्रायंफ, हार्ले, डुकाटी जैसी कंपनियों को भारत में बाइक बेचना मुश्किल हो जाएगा। इस आदेश के बाद अब कंपनियों को इन सेफ्टी फीचर्स को लगाने के लिए दोबारा डिजाइन करना पड़ेगा।