नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने कहा कि भारतीय सेना को 3,192 सफारी स्ट्रोम एसयूवी की बिक्री के लिए समझौते पर हस्ताक्षर क्रिसमस अवकाश के बाद होने की उम्मीद है। ये टाटा सफारी सेना में वर्षों से उपयोग हो रही मारुति जिप्सी का स्थान लेंगी।
टाटा मोटर्स लिमिटेड में उपाध्यक्ष (रक्षा कारोबार) वेरनन नोरोनहा ने कहा,
हम अनुबंध के पहले मसौदे का आदान-प्रदान कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि क्रिसमस अवकाश के बाद हम इस पर हस्ताक्षर कर लेंगे।
- उन्होंने कहा कि सेना ऐसा वाहन चाहती है जिसका टॉप हार्ड हो, वह डीजल से चलता हो और उसमें क्लाइमेट कंट्रोल भी हो।
- इस सौदे में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा अंतिम दो की दौड़ में शामिल थीं।
- उल्लेखनीय है कि सेना में 35,000 से अधिक मारुति जिप्सी काम में ली जा रही हैं।
- टाटा मोटर्स की नजर तकरीबन 70,000 करोड़ रुपए के फ्यूचर इनफ्रैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (एफआईसीवी) प्रोजेक्ट पर भी है।
- इस दौड़ में शामिल पांच प्रतिभागियों में से दो टाटा के ज्वाइंट वेंचर हैं, ऑर्डीनेंस फैक्ट्री बोर्ड प्रोटोटाइम के निर्माण हेतु किसी एक का चयन करेगा।
- सरकार इसके डेवलपमेंट कॉस्ट का 80 फीसदी हिस्सा वहन करेगी।
तस्वीरों में देखिए 2016 की टॉप 10 एसयूवी
SUV top 10
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- बेहतर प्रोटोटाइप का चयन सेना के उपयोग के वृहद उत्पादन के लिए किया जाएगा।
- इस प्रोजेक्ट के लिए एलएंडटी, महिंद्रा, पीपावाव डिफेंड एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग और इसके अलावा कंसोर्टियम टाटा मोटर्स-भारत फोर्ज और टाटा पावर एसईडी-टीटागढ़ वैगन दौड़ में शामिल हैं।