Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. ऑटो
  4. ओला और उबर ड्राइवरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, किराया बढ़ाने और एप से नई टैक्सी नहीं जोड़ने की मांग

ओला और उबर ड्राइवरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, किराया बढ़ाने और एप से नई टैक्सी नहीं जोड़ने की मांग

एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली दो प्रमुख कंपनी ओला और उबर से जुड़े एक लाख से अधिक ड्राइवर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

Dharmender Chaudhary
Updated : February 22, 2017 21:27 IST
ओला और उबर ड्राइवरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, किराया बढ़ाने और एप से नई टैक्सी नहीं जोड़ने की मांग
ओला और उबर ड्राइवरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, किराया बढ़ाने और एप से नई टैक्सी नहीं जोड़ने की मांग

बेंगलुरु। एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली दो प्रमुख कंपनी ओला और उबर से जुड़े एक लाख से अधिक ड्राइवर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें बेहतर प्रोत्साहन मिले।

इसके अलावा एप के साथ नई टैक्सियों को जोड़ना रोका जाए क्योंकि इससे उनकी बुकिंग आमदनी प्रभावित होती है। इनमें से कुछ ने उबर के कार्यालय में तोड़-फोड़ भी की है। इस हड़ताल में फिलहाल बेंगलुरू के टैक्सी ड्राइवर हिस्सा ले रहे हैं।

उबर, टैक्सी फॉर श्योर एंव ओला यूटीओ ड्राइवर्स एंड ओनर्स संघ के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने कहा, ओला और उबर से जुड़े एक लाख से अधिक ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी मांग है कि उन्हें बेहतर प्रोत्साहन मिले साथ ही एप के साथ नई टैक्सियों का जोड़ना रोका जाए क्योंकि इससे उनकी बुकिंग प्रभावित होती है। पाशा ने कहा कि मंलगवार रात से राज्य परिवहन आयुक्त और कंपनियों के साथ वार्ता विफल रहने के बाद संघ की बैठक में हड़ताल पर जाने का निर्णय किया गया।

  • पुलिस के अनुसार एचएसआर लेआउट में स्थित उबर के कार्यालय में प्रदर्शनकारियों ने तोड़-फोड़ भी की है।
  • उन्होंने कार्यालय के कुछ उपकरण और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया है।
  • इस घटना के सवाल पर पाशा ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चुप है।
  • इसकी वजह से ड्राइवरों का संयम खो रहा है और उबर के कार्यालय पर तोड़-फोड़ हुई है।
  • पाशा ने कहा कि मौजूदा दुविधा के लिए सरकार और कंपनियां दोनों जिम्मेदार हैं।

पाशा ने कहा, सरकार को कर्नाटक ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीग्रेटर रूल्स-2016 के प्रावधानों का कंपनियों से पालन कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन नियमों के अनुसार वातानुकूलित टैक्सी का किराया 19.50 रुपए प्रति किलोमीटर और गैर-वातानुकूलित टैक्सी का किराया 14.50 रुपए प्रति किलोमीटर तय किया गया है। लेकिन ड्राइवरों को अभी चार से पांच रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान मिल रहा है जो सरासर शोषण है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Auto News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement