Highlights
- आंध्र में पुराने मोटर वाहनों पर लगने वाले हरित कर में कई गुणा की बढ़ोतरी की गई है
- आंध्र सरकार को सालाना 409.58 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा
- दक्षिणी राज्यों में वाहनों पर सबसे ज्यादा कर कर्नाटक में लगता है
अमरावती। यदि आपके पास पुराना वाहन है और आप आंध्र प्रदेश की सड़कों पर इसे चलाना चाहते हैं तो अब आपको अपनी जेब बहुत ज्यादा ढीली करनी होगी। आंध्र प्रदेश विधानसभा ने ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए मोटर वाहनों पर कर बढ़ाने संबंधी आंध्र प्रदेश मोटर वाहन कराधान संशोधन विधेयक 2021 को बुधवार को मंजूरी दे दी। नया कानून लागू होने से राज्य सरकार को सालाना 409.58 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।
नए कानून में पुराने मोटर वाहनों पर लगने वाले हरित कर में कई गुणा की बढ़ोतरी की गई है। दक्षिणी राज्यों में वाहनों पर सबसे ज्यादा कर कर्नाटक में लगता है लेकिन नया कानून बनने के बाद आंध्र प्रदेश उसके बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। परिवहन मंत्री पर्नी वेंकटरमैया ने यह विधेयक विधानसभा के अनुमोदन के लिए रखते हुए कहा कि वाहनों पर लागू कर की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए यह बदलाव किए गए हैं।
आंध्र प्रदेश में वाहनों पर हरित कर की दर इससे पहले 2006 में संशोधित हुई थी। नई कर दरों के मुताबिक 15 साल से ज्यादा पुरानी मोटरसाइकिल पर 2,000 रुपये का हरित कर देना होगा जबकि 20 साल से ज्यादा पुरानी होने पर यह राशि बढ़कर 5,000 रुपये हो जाएगी। अन्य वाहन श्रेणियों के मामले में 15 साल पुरानी गाड़ियों पर 5,000 रुपये और 20 साल पुरानी गाड़ियों पर 10,000 रुपये का हरित कर देना होगा।