नई दिल्ली। भारत में वाहन विनिर्माताओं के लिए काफी अवसर हैं और इलेक्ट्रिक गाड़ियां मुख्य स्तंभ हैं, जो देश में वाहन उद्योग में व्यापक बदलाव ला सकते हैं। वाहन कंपनी निसान मोटर कॉरपोरेशन के मुख्य परिचालन अधिकारी अश्विनी गुप्ता ने गुरुवार को यह कहा। वाहन कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों का संगठन एसीएमए (ऑटोमोटवि कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के 61वें सालाना सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने उद्योग में बदलाव के लिए भारतीय कंपनियों को कामकाज के विभिन्न स्तरों पर डिजिटलीकरण को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
गुप्ता ने कहा कि भारत चौथा सबसे बड़ा वाहन बाजार है। पांच से छह साल में, यह तीसरा सबसे बड़ा बाजार हो सकता है। अभी प्रति 1,000 आबादी पर केवल 20 कार हैं। इसको देखते हुए क्षेत्र में काफी अवसर हैं। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष चुनौती यह है कि हम कैसे इस अवसर का उपयोग करें। मैं एक बार फिर कहूंगा कि विद्युतीकरण मुख्य स्तंभ है और यह निश्चित रूप से भारतीय वाहन उद्योग में बदलाव ला सकता है।
गुप्ता ने निसान का उदाहरण देते हुए कहा कि 2030 तक कंपनी की 100 प्रतिशत कारों में बिजली से चलने का विकल्प होगा। वहीं यूरोप में यह 2026 तक होगा। उन्होंने कहा कि 2026 में, इलेक्ट्रिक कारों की लागत, मूल्य बिंदु और उसे चलाने का उत्साह निश्चित रूप से आईसीई (परंपरागत इंजन वाली कार) कारों की तुलना में बेहतर होगा।
गुप्ता ने कहा कि यह महत्वपूर्ण पड़ाव है और हम सभी को इस दिशा में काम करना है ताकि ग्राहकों के लिये बिजली चालित कार एक स्वाभाविक पसंद बन जाए। उन्होंने कहा कि बदलाव हासिल करने के लिये नवोन्मेष को बढ़ावा देने को लेकर डिजिटलीकरण को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। गुप्ता ने कहा कि हम भारत में नवप्रवर्तन कर रहे हैं। हालांकि, यह व्यक्तिगत नवप्रवर्तन तक सीमित है। इसके कारण बाजार में आमूल-चूल बदलाव नहीं आ पाया। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के जरिये चुनौतियों से पार पाया जा सकता है। डिजिटलीकरण से मतलब कारोबार और ग्राहकों के लिये चीजों को डिजिटल रूप देने से है।
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