नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) अगले साल फिर डीजल सेगमेंट में उतर सकती है। उद्योग के सूत्रों ने यह जानकारी देते कहा कि डीजल खंड से ग्राहकों की काफी अच्छी मांग आ रही है। विशेषरूप से एसयूवी और बहुउद्देश्यीय वाहन सेगमेंट (एमपीवी) सेगमेंट की मांग काफी अच्छी है, जिसके मद्देनजर मारुति फिर डीजल वाहन क्षेत्र में उतरने की योजना बना रही है। इस साल अप्रैल से कड़े भारत चरण-छह (बीएस-6) उत्सर्जन मानक लागू होने के बाद वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ने डीजल मॉडल बंद कर दिए थे।
सूत्रों ने बताया कि मारुति ने अपने मानेसर के पावरट्रेन संयंत्र का अद्यतन शुरू कर दिया है जिससे वह अगले साल के मध्य या त्योहारी सीजन से बीएस-6 डीजल इंजन पेश करना शुरू कर सके। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि कंपनी एर्टिगा तथा विटारा ब्रेजा मॉडलों में बीएस-6 अनुकूल डीजल पावरट्रेन का प्रयोग कर घरेलू बाजार में इसकी शुरुआत कर सकती है। हालांकि, मारुति ने डीजल सेगमेंट में फिर उतरने के लिए कोई विशेष वजह नहीं बताई है। इस बारे में संपर्क करने पर मारुति के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम भविष्य की प्रौद्योगिकियों के बारे में कोई संकेत नहीं दे सकते।’’
सूत्रों ने कहा कि कंपनी अपने मानेसर संयंत्र के मौजूदा सेट-अप को अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है। पहले कंपनी ने इसी संयंत्र में ही विकसित 1,500 सीसी के बीएस-6 उत्सर्जन मानक के डीजल इंजन उतारे थे। कंपनी ने कुछ समय के लिए इस पावरट्रेन का इस्तेमाल अपनी मध्यम आकार की सेडान सियाज और एर्टिगा में किया था। बाद में उसने डीजल खंड को बंद कर दिया था। उस समय कंपनी के अन्य मॉडलों मसलन विटारा ब्रेजा, डिजायर, स्विफ्ट, एस-क्रॉस और बलेनो में फिएट का 1,300 सीसी का इंजन लगा था।
फिलहाल कंपनी की बीएस-6 अनुकूल समूची मॉडल श्रृंखला में एक लीटर, 1.2 लीटर और 1.5 लीटर का पेट्रोल इंजन लगा है। कंपनी कुछ मॉडलों के सीएनजी संस्करणों की भी बिक्री करती है। मारुति के चेयरमैन आर सी भार्गव ने 26 अप्रैल, 2019 को घोषणा की थी कि कंपनी एक अप्रैल, 2020 से अपने पोर्टफोलियो से डीजल कारों को हटा देगी।