अगर आप भी नवरात्रि दशहरा या फिर दिवाली पर नई कार घर पर लाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको मायूसी हाथ लग सकती है। कोरोना संकट के चलते सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कमी से लगभग सभी कार कंपनियां जूझ रही हैं। चिप न मिलने के कारण सितंबर में कार कंपनियों के उत्पादन में भारी गिरावट आई है। इसका असर अक्टूबर यानि कि भारत में सबसे बड़े त्योहारी महीने में भी दिखाई दे सकता है।
देश की सबसे बड़ी पैसेंजर कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री सितंबर माह के दौरान घटकर आधी रह गई है। सितंबर 2021 में कंपनी ने कुल 86,380 वाहनों की बिक्री की है, जबकि सितंबर 2020 में यह आंकड़ा 160,442 वाहनों का था। घरेलू बिक्री की बात करें तो मारुति ने इस साल सितंबर में 68,815 कारें बेंची थीं, वहीं पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 152,608 वाहनों का था। बिक्री में सबसे बड़ी गिरावट बलेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस जैसी कंपनी के कॉम्पेक्ट सेगमेंट की कारों की बिक्री में आई है। पिछले साल के 84,213 के मुकाबले इस साल 20,891 कारें ही बिकी हैं।
मारुति ने बताया ये कारण
मारुति जैसी दिग्गज आटोमोबाइल कंपनी की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट चौंकाने वाली है। लेकिन बिक्री में गिरावट मांग में कमी के कारण नहीं है, बल्कि यह सेमीकंडक्टर में कमी के चलते है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के चेयरमैन आर सी भार्गव का मानना है कि वाहन उद्योग के समक्ष आ रही सेमीकंडक्टर की कमी अस्थायी है और इसके 2022 तक दूर होने की उम्मीद है। मारुति सुजुकी ने प्रेस रिलीज में बताया कि चिप की कमी के कारण उत्पादन में गिरावट आई है। हालांकि कंपनी ने बताया है कि वह आने वाले समय में चिप की कमी से पड़ने वाला असर कम होने की पूरी कोशिश करेगी।
अगस्त में होगी 60 प्रतिशत कटौती
मारुति सुजुकी ने चिप की कमी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। कंपनी के अनुसार सेमीकंडक्टर की कमी के चलते अक्टूबर में उसके हरियाणा और गुजरात स्थित प्लांट में उत्पादन में बड़ी कटौती की जा सकती है। कंपनी के अनुसार इन दो प्लांट में अक्टूबर महीने के दौरान 60 प्रतिशत की कटौती हो सकती है।
कार की वेटिंग हुई लंबी
चिप की कमी के चलते वाहनों की वेटिंग बढ़ गई है। यात्री वाहनों के लिए औसत रिजर्व की स्थिति 25 से 30 दिन की थी। वहीं दोपहिया क्षेत्र के लिए यह 20 से 25 दिन की है। लेकिन अब यह दोगुनी से अधिक हो गई है। ग्राहकों को महीनों पर बुकिंग करवानी पड़ रही है। डीलर्स के अनुसार त्योहारों में की गई बुकिंग की डिलिवरी साल के अंत तक मिल सकती है।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर चिप संकट की मार
कोरोना संकट के चलते दुनिया भर की कार कंपनियां चिप की भारी किल्लत से जूझ रही हैं। सेमीकंडक्टर की कुल मांग में वाहन उद्योग का हिस्सा करीब 10 प्रतिशत ही है। शेष मांग इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और गैजेट उद्योग मसलन मोबाइल फोन और लैपटॉप की है। अगस्त में वाहनों की थोक बिक्री में 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। ऑटोमोबाइल कंपनियों की संस्था सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन के अनुसार भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग सप्लाई चेन में चुनौतियों के कारण दबाव में है। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी जारी है और अब इसका ऑटो उद्योग में उत्पादन पर तीव्र प्रभाव पड़ रहा है। मेनन ने कहा कि 'चिप' की कमी के साथ-साथ कच्चे माल की ऊंची कीमतें भी एक चुनौती बनी रहीं, क्योंकि यह ऑटो उद्योग के लागत ढांचे को प्रभावित कर रही है।
यात्री वाहनों के लिए ठंडा रहेगा त्योहार
चिप की कमी की वजह से त्योहारी सीजन के दौरान यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री पटरी से उतर सकती है। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने यह आशंका जताई है। फाडा के अध्यक्ष विन्केश गुलाटी ने बयान में कहा, ‘‘वाहन डीलरों को अपने कारोबार के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजरना पड़ रहा है। कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी जारी है। पिछले साल तक मांग की चुनौती थी, अब सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से आपूर्ति बड़ी समस्या के रूप में उभर रही है। हालांकि, अब यात्री वाहनों की मांग ऊंची है।’’
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