जयपुर। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को उम्मीद है कि त्योहारी मौसम से यात्री वाहनों की मांग बढ़ेगी और मंदी से गुजर रही देश की आटो इंडस्ट्री एक बार फिर गति पकड़ेगी, भले ही सरकार इसकी मदद को आगे आए या ना आए। मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने यहां एक साक्षात्कार में कहा कि मानसून को लेकर चिंता व चुनाव देश में वाहनों की बिक्री में कमी के प्रमुख कारण थे लेकिन अब ये दोनों कारण नहीं रहे। चुनाव संपन्न हो चुके हैं जबकि मानसून की अच्छी बारिश लगभग पूरे देश में हुई। अब नये मॉडलों के बाजार में आने तथा कंपनियों द्वारा उन पर आकर्षक पेशकश लाए जाने के बीच विशेषकर ग्रामीण बाजारों से मांग आएगी और वाहन उद्योग एक बार फिर गति पकड़ लेगा।
श्रीवास्तव ने कहा कि देश के वाहन के उद्योग के लिए त्योहारी सीजन बहुत महत्वपूर्ण है और उसे इसका इंतजार है। देश में त्योहारी सीजन आमतौर पर नवरात्रों से शुरू होकर दीवाली और उसके बाद तक चलता है जब लोग विभिन्न मुहूर्त के चलते नये वाहन व अन्य संपत्तियां खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सहायता देगी या नहीं देगी, कब देगी, कितनी सहायता देगी, सहायता अब देगी या बाद में... हम सरकार द्वारा इस उद्योग को कुछ और राहत दिए जाने के बारे में अटकलबाजी नहीं करना चाहते। हम तो बस अपने रुख को और अधिक रचनात्मक रखना चाहते हैं।
प्रोत्साहन पैकेज के रूप में वाहनों पर GST की दर घटाने की मांग
गौरतलब है कि वाहन उद्योग सरकार से प्रोत्साहन पैकेज के रूप में वाहनों पर जीएसटी की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने को कह रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि सरकारी फैसलों व पहलों की प्रतीक्षा करने के बजाय कंपनी इस बात पर ध्यान दे रही है कि वह नए मॉडल लाकर और उपभोक्ताओं को आकर्षक पेशकश देकर मांग बढ़ाने के लिए अपने स्तर पर क्या कर सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने नयी कार एक्सएल6 पेश की और वह आगे भी नये मॉडल लाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ और मॉडल बाद में आएंगे। इसके साथ ही श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनी खुदरा बिक्री पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि मारुति अगस्त महीने में अपने वाहनों पर अपेक्षाकृत अधिक छूट की पेशकश करेगी हालांकि उन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया।
जुलाई महीने में वाहन बिक्री में आई थी सबसे बड़ी गिरावट
उल्लेखनीय है कि देश में वाहनों की बिक्री में बीते जुलाई महीने में लगभग 19 वर्षों में सबसे तेज गिरावट देखी गई। जुलाई में देश में वाहनों की बिक्री 18.71 प्रतिशत घटी। वाहन उद्योग लंबे समय से मंदी की चपेट में है और एक अनुमान के अनुसार, दो-तीन महीने में लगभग 15,000 श्रमिक बेरोजगार हुए हैं। जुलाई में यात्री वाहनों की बिक्री 30.98 प्रतिशत घटकर 2,00,790 वाहन रह गयी जो जुलाई 2018 में 2,90,931 वाहन थी। यात्री वाहनों की बिक्री में लगातार नौवें महीने गिरावट आई है।