टक्कर परीक्षण के नतीजों से पता चलता है कि एयरबैग नहीं होने की वजह से टक्कर या दुर्घटना की स्थिति में ड्राइवर को लगने वाली चोट अस्वीकार्य रूप से काफी ऊंचे स्तर पर है। वहीं पीछे की सीट पर बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से डस्टर को दो स्टार दिए गए हैं। ग्लोबल एनसीएपी के महासचिव डेविड वार्ड ने कहा, यह काफी चिंता की बात है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा सप्ताह के दौरान हमें भारत में एक और शून्य स्टार वाली कार देखने को मिली है।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर रेनो इंडिया ने कहा कि उसके सभी उत्पाद भारतीय नियामकीय प्राधिकरणों द्वारा तय आवश्यक सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं। कंपनी ने कहा कि भारत सरकार ने घोषणा की है कि सभी मौजूदा कारों के लिए टक्कर परीक्षण मानक 2019 से और नई कारों के लिए 2017 से प्रभाव में आएंगे और रेनो पूर्ण रूप से इसका समर्थन करती है। रेनो इंडिया ने कहा कि भारत अधिक ठोस सुरक्षा नियमनों को शामिल कर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों की ओर बढ़ रहा है। भारत एनसीएपी का आश्वासन इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।