नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनी स्कूटर इंडिया लिमिटेड (Scooters India Limited) को बंद करने और इसकी इकाईयों के परिचालन को शट-डाउन करने को अपनी मंजूरी दे दी है। पिछले हफ्ते ही आर्थिक मामलों पर मंत्रीमंडल समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। लखनऊ की इस कंपनी ने बीएसई फाइलिंग में बताया कि भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय ने स्कूटर इंडिया को बताया कि उसके बंदीकरण प्रस्ताव को सरकार से मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने बताया कि उसे अपना परिचालन बंद करने के लिए आवश्यक 65.12 करोड़ रुपये की पूंजी के लिए भारत सरकार से ऋण को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
कंपनी बंद होने के चलते इसके नियमित कर्मचारियों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट स्कीम/स्वैच्छिक सेपरेशन स्कीम (वीआरएस/वीएसएस) के लिए भी मंजूरी प्रदान की गई है। जो कर्मचारी वीआरएस/वीएसएस का विकल्प नहीं चुनेंगे उनका निबटान औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत किया जाएगा। स्कूटर इंडिया के लगभग 100 कर्मचारी हैं।
स्कूटर इंडिया ब्रांड नाम को अलग से बेचा जाएगा। इसके पास लोकप्रिय ब्रांड जैसे लैम्ब्रेटा (Lambretta), विजय सुपर (Vijai Super), विक्रम (Vikram) और लैम्ब्रो (Lambro) का स्वामित्व है। कंपनी अभी विक्रम ब्रांड के तहत कई प्रकार के थ्री-व्हीलर्स का उत्पादन करती है।
कंपनी को बंद करने से पहले इसके ट्रेडमार्क व ब्रांड्स को बिक्री के लिए रखा जाएगा। यदि कंपनी इनका मौद्रिकरण करने में विफल रहती है तो ब्रांड्स व ट्रेडमार्क भारत सरकार की संपत्ति होंगे और उसके पास इनका उपयोग दूसरी सरकारी कंपनी के लिए करने का अधिकार होगा। प्लांट/मशीनरी और चल संपत्ति का निबटान एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा ई-नीलामी के जरिये किया जाएगा।
कंपनी के 147.49 एकड़ जमीन को उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम को वापस लौटाया जाएगा। बंद करने की इस प्रक्रिया के तहत कंपनी के शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज से से डिलिस्ट करवाया जाएगा। केंद्र सरकार ने स्कूटर इंडिया की बिक्री और उसकी सेहत को सुधारने के लिए कई प्रयास किए लेकिन वो सभी विफल रहे। 2018 में सरकार ने स्कूटर इंडिया की मैनेजमेट कंट्रोल के साथ संपूर्ण हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थी।
स्कूटर इंडिया की स्थापना 1972 में की गई थी। यह कन्वेंशनल और नॉन-कन्वेंशनल फ्यूल से चलने वाले थ्री-व्हीलर की डिजाइनिंग, डेवलपिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और मार्केटिंग में संलिप्त है। 1975 में कंपनी ने विजय सुपर ब्रांड के तहत घरेलू बाजार और लैम्ब्रटा ब्रांड के तहत विदेशी बाजारों के लिए स्कूटर का कमर्शियल उत्पादन शुरू किया। बाद में कंपनी ने विक्रम/लैम्ब्रो ब्रांड के तहत थ्री-व्हीलर को पेश किया। हालांकि 1997 में कंपनी ने रणनीतिक रूप से टू-व्हीलर उत्पादन को बंद कर दिया और केवल थ्री-व्हीलर के निर्माण पर अपना पूरा ध्यान लगाया।