नई दिल्ली। साल के आखिरी महीने दिसंबर के दौरान कार बाजार में काफी हलचल है। मारुति, हुंडई, टोयोटा और जनरल मोटर्स जैसी कंपनियां बढ़ती लागत के चलते 1 जनवरी से 20 हजार रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक कीमत बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर यही कंपनियां अपने सभी मॉडल्स पर 31 दिसंबर तक हैवी डिस्काउंट ऑफर कर रही हैं। बढ़ती कीमत और उससे पहले भारी डिस्काउंट को देखते हुए सभी को दिसंबर में कार खरीदने में समझदारी दिखती है। लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं, दिसंबर में खरीदने से मात्र 15-20 दिनों के अंतर से ही आपका वाहन एक साल पुराना माना जाता है। जिसका असर इसकी रीसेल वैल्यू पर पड़ता है। ऐसे में सवाल उठता है कि कस्टमर क्या करे। लोगों के इसी कन्फ्यूजन दूर करने के लिए इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही है कि दिसंबर में कार खरीदने के फायदे और नुकसान। जिसे पढ़ने के बाद आपको फैसला करने में निश्चय ही आसानी होगी।
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सिर्फ 15 दिनों के अंतर से घट जाएगी रीसेल वैल्यू
जब भी हम कुछ साल चला कर कार को दोबारा बेचने जाते हैं तो नए खरीदार का पहला प्रश्न ही यही होता है कार का मॉडल किस साल का है। न कि कार खरीदने का महीना। औसत रूप से एक कार की कीमत में हर साल 8 से 10 फीसदी का डेप्रिसिएशन आता है। ऐसे में मान लीजिए आपने नई कार 5 लाख रुपए में खरीदकर चार या पांच साल बाद बेचने का फैसला किया। यदि आप दिसंबर में कार खरीदते हैं तो रीसेल के वक्त आपको जनवरी में खरीदी गई कार के मुकाबले 35 से 50 हजार रुपए कम मिलेंगे।
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पहले सोच लें कितने साल चलाएंगे ये नई कार
यह बात सही है कि दिसंबर में कार खरीदने से उसकी रीसेल वैल्यू पर असर पड़ता है। लेकिन यहां यह समझना भी जरूरी है कि आप यह नई कार चलाएंगे कितने साल। अगर आप 3 से 5 साल के भीतर कार को दोबारा बेचने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए दिसंबर में कार खरीदना घाटे का सौदा है। क्योंकि क्योंकि इतनी जल्दी कार बेचते समय कार का मैन्युफैक्चरिंग ईयर काफी मायने रखता है। हर साल के अंतर से कीमत में 50 हजार रुपए तक का अंतर आ जाता है। वहीं अगर आप कम से कम 7 से 8 साल या उससे ज्यादा वक्त तक कार रखने की सोच रहे हैं तो आपके लिए साल का उतना महत्व नहीं रह जाता।
सभी कारों में नहीं मिलता डिस्काउंट का फायदा
आप ये न समझें कि कार कंपनियां सिर्फ इसी साल दिसंबर में कारों पर डिस्काउंट दे रही हैं या फिर जनवरी में कीमत बढ़ाने जा रही हैं। कार कंपनियां हर साल अपनी इंवेंट्री का खत्म करने के लिए दिसंबर में डिस्काउंट देती ही हैं। यह डिस्काउंट सभी कारों पर अलग-अलग होता है। वहीं कारों की कीमत भी हर मॉडल के अनुसार अलग-अलग ही बढ़ती है। इसलिए एक बार शोरूम जाकर या ऑनलाइन कार के डिस्काउंट और जनवरी से एप्रिसिएशन का कैल्कुलेशन अवश्य करें। हो सकता है आज जो आपको फायदा दिख रहा हो, रीसेल के वक्त उससे अधिक नुकसान हो जाए।
कार मॉडल्स पर भी निर्भर होती है रीसेल वैल्यू
यह बात सही है कि दिसंबर में कार खरीदने से उसकी रीसेल वैल्यू पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन यदि आप ढाई से तीन लाख रुपए की बजट कार खरीदने जा रहे हैं। तो आपको रीसेल के वक्त भारी अंतर नहीं मिलेगा। दूसरी ओर बाजार में प्रचलित मॉडल्स की रीसेल वैल्यू ज्यादा होती है। ऐसे में अगर आप प्रचलित मॉडल खरीद रहे हैं तो दिसंबर में खरीदने के बावजूद इसकी वैल्यू जनवरी में खरीदी गई दूसरे नए मॉडल्स से ज्यादा होगी।
ऐसे उठाएं दिसंबर का डबल बेनिफिट
अगर आप सात साल से अधिक समय तक कार रखने की प्लानिंग में हैं, तो बेशक दिसंबर का महीना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। दिसंबर के महीने में डीलर भी अपनी अनसोल्ड इंवेंट्री निकालने की जल्दी में होता है। ऐसे में आप कार पर डिस्काउंट के साथ फ्री एसेसरीज के लिए बार्गेन कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर मंथ और ईयर एंड होने के चलते यदि आप 20 या 25 तारीख के बाद लोन के लिए एप्लाई करते हैं तो आपको बैंक इंट्रेस्ट के अलावा प्रोसेसिंग फीस में भी डिस्काउंट मिल सकता है।