नई दिल्ली। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को वाहन विनिर्माताओं से कहा कि वे इस बात की गहरी पड़ताल करें कि लोगों की आय का स्तर बढ़ने के बावजूद कारों की बिक्री क्यों नहीं बढ़ रही है, और साथ ही उन्होंने उद्योग से बदलती तकनीक के साथ तालमेल बिठाने को भी कहा। बजाज ने सियाम के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक दृष्टि से यह विरोधाभास हैं कि छोटी कारों की तुलना में एसयूवी की बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा कर दरों के कारण नहीं, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था, कोविड और अन्य चीजों के चलते वाहन क्षेत्र का कामकाज प्रभावित हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम इस उद्योग को प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। यदि प्रौद्योगिकी आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) से दूसरे मोड में जाने वाली है, तो मुझे लगता है कि उद्योग को इस बदलाव के साथ आगे बढ़ना होगा, वर्ना हम गति खो देंगे। कुछ उद्योगों में बहुत कुछ हासिल किया गया है और पिछले कुछ वर्षों में वक्त के साथ आगे न बढ़ने के चलते हमने उन अवसरों को खो दिया, हम वह हासिल नहीं कर पाए जो हमें हासिल करना चाहिए था।’’ बजाज ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि भारत में ऑटो उद्योग पर्याप्त रूप से परिपक्व हो गया है, और बाकी दुनिया के साथ जुड़ा हुआ है, जहां आप अपना सामान निर्यात करते हैं। इसलिए मुझे यकीन है कि तकनीक के आगे बढ़ने की दिशा में आप भी आगे बढ़ेंगे।’’ बजाज ने कहा कि 2017-18 और 2018-19 वाहन उद्योग के लिए शानदार वर्ष रहे। उन्होंने कहा कि इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि बिक्री में कमी आ गई, और वृद्धि उम्मीद के मुताबिक नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘क्या ऐसा जीएसटी की वजह से हुआ? महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली जैसे प्रमुख राज्यों में जीएसटी आने से पहले कराधान संरचना क्या थी? क्या कराधान संरचना कोई कम थी? मुझे लगता है कि यह थोड़ा अधिक ही हो सकती है।’’
उन्होंने आगे कहा कि यदि कीमत की बात है तो एसयूवी की बिक्री में वृद्धि दर अधिक क्यो हैं, और छोटी कारों में ऐसी उच्च वृद्धि क्यों नहीं है। इस प्रकार आर्थिक लिहाज से ये बातें विरोधाभासी लगती हैं। राजस्व सचिव ने सियाम से इन तथ्यों का गहराई से विश्लेषण करने को कहा, ताकि यह पता लग सके कि किन बदलावों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छोटे हाइब्रिड वाहन के लिये जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से शुरू होती है और एसयूवी के लिये यह मुआवजा उपकर के साथ काफी ऊंची हो जाती है। इस साल प्रत्यक्ष कर वसूली 40 से 50 प्रतिशत की तेज रफ्तार से बढ़ रही है और प्राप्तियां बेहतर रहने की उम्मीद है।
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