नयी दिल्ली। साधारण बीमा कंपनियां अब वाहनों को भूकंप, बाढ जैसी प्राकृतिक आपदाओं, तोडफोड़ एवं दंगे जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान के लिये अलग से बीमा कवर उपलब्ध कराएंगी। बीमा नियामक इरडा ने साधारण बीमा कंपनियों को एक सितंबर से नयी एवं पुरानी कारों और दोपहिया वाहनों के लिए अलग से इस प्रकार का बीमा उपलब्ध कराने को कहा है।
भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (इरडा) ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को देखते हुए अपने पूर्व के आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि एक सितंबर से कार एवं दोपहिया वाहनों के लिए इस प्रकार की एकमुश्त बंडल वाली पॉलिसी खरीदना अनिवार्य नहीं होगा। वाहनों को बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा और दंगा-फसाद में होने वाली तोड़फोड़ की घटनाओं से होने वाले स्व नुकसान (आन डैमेज यानी ओडी) के जोखिम से बचाव के लिये खरीदी जाने वाली बीमा पालिसी को वैकल्पिक रखा गया है।
आग व चोरी से नुकसान को भी किया जा सकेगा कवर
इरडा के नए परिपत्र में कहा गया है, ''बीमा कंपनियों को एक सितंबर, 2019 से नयी और पुरानी कारों एवं दोपहिया वाहनों के लिए वार्षिक स्वत: नुकसान कवर वाली पॉलिसी पेश करनी होगी। इसमें पॉलिसीधारक के कहने पर आग और चोरी के नुकसान को भी कवर किया जा सकता है।''
बीमा कंपनियां ऑफर कर सकेंगी पैकेज पॉलिसी
बीमा कंपनियों को अलग से स्वत: नुकसान के कवर के साथ पूरी पैकेज पॉलिसी की पेशकश करने का भी विकल्प होगा। इसमें तीसरे पक्ष की बीमा पॉलिसी के साथ ही स्वत: नुकसान का जोखिम कवर भी होगा। फिलहाल कंपनियों को स्वत: नुकसान वाली बीमा पॉलिसी लंबी अवधि के लिये जारी करेन की अनुमति नहीं होगी।
केवल ऑन डैमेज कवर को रिन्यू करने का भी होगा विकल्प
नियामक ने यह भी कहा है कि पॉलिसी धारकों को सभी जोखिम एकमुश्त कवर करने वाली पालिसी में से केवल स्वत: नुकसान के हिस्से का अलग से नवीनीकरण करने का भी विकल्प उपलब्ध होगा। यह सुविधा एक सितंबर 2019 को अथवा उसके बाद उपलब्ध होगी। यह नवीनीकरण उसी बीमा कंपनी अथवा दूसरी बीमा कंपनी से भी कराया जा सकता है।
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