नई दिल्ली। अरबपति सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाला जेएसडब्ल्यू ग्रुप, जो स्टील से लेकर पावर सेक्टर में कार्यरत है, इलेक्ट्रिक कार मैन्यूफैक्चरिंग में अपने हाथ आजमाने की योजना बना रहा है। दो सूत्रों के हवाले से यह खबर रॉयटर्स ने दी है।
इलेक्ट्रिक वाहनों में महंगी बैटरी का इस्तेमाल होता है, इनके महंगे होने और बिजली की कमी की वजह से भारत में यह वाहन ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से मिलने वाले लाभ जैसे कम टैक्स की वजह से 2020 तक इन वाहनों के उपयोग का लक्ष्य 70 लाख यूनिट तय किया गया है, जो वर्तमान में केवल 20,000 है।
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एक सूत्र ने बताया कि जेएसडब्ल्यू का मानना है कि इलेक्ट्रिक कार बनाने में सरकार मदद करेगी। सड़क परिवहन और यातायात मंत्री नितिन गडकरी ने अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेसला मोटर्स की फैक्ट्री की यात्रा के दौरान कहा था कि वह भारत में प्लांट स्थापित करने में टेसला की मदद करेंगे।
जेएसडब्ल्यू की स्वयं की स्टील कंपनी है, जिसकी वजह से उसकी कार ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो सकती है। भारत में अभी केवल महिंद्रा एंड महिंद्रा ही इलेक्ट्रिक कार का निर्माण करती है, लेकिन इसकी बिक्री अनुमान से बहुत कम हो रही है।
एक दूसरे सूत्र ने बताया कि जेएसडब्ल्यू का लक्ष्य टेसला जैसी टेक्नोलॉजी कंपनी बनने का है। सूत्र ने बताया कि जेएसडब्ल्यू ने कुछ महीने पहले ही कार प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए आठ अधिकारियों की एक टीम का गठन किया है। जिंदल ने इस डिविजन के प्रमुख का चुनाव करने के लिए भारतवंशी ऑटोमोबाइल एग्जीक्यूटिव का इंटरव्यू भी लिया है, इसमें जापान में निसान के साथ काम करने वाले एक अधिकारी भी शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि जेएसडब्ल्यू टाटा की तरह एक डायवर्सीफाइड ग्रुप बनना चाहता है। जिंदल के लिए यह एक प्रमुख बिजनेस है, इसमें पैसा कोई मुद्दा नहीं है। सूत्रों ने यह भी बताया कि जेएसडब्ल्यू भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पूरे देश में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए भी बातचीत कर रहा है।