नयी दिल्ली। होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड की घरेलू बिक्री फरवरी में 46.26 प्रतिशत घटकर 7,269 वाहन रही है। पिछले साल फरवरी में कंपनी ने घरेलू बाजार में 13,527 वाहन बेचे थे। कंपनी ने एक बयान में बताया कि समीक्षावधि में उसका निर्यात 64 वाहन रहा। कंपनी के बिक्री एवं विपणन निदेशक और वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि उनके वाहनों की डिलिवरी सीमित है और यह उनके पास महीने भर के लिए उपलब्ध कुल आपूर्ति (कलपुर्जों इत्यादि) के हिसाब से है।
लगातार घट रही है वाहनों की बिक्री
ऑटो सेक्टर में मंदी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है, लगातार वाहनों की बिक्री कम होती जा रही है। ऑटो कंपनियों को नए उत्सर्जन नियम लागू होने से पहले मौजूदा भंडार समाप्त करने को लेकर चिंता सता रही है। बता दें कि, एक अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस-6 मानक वाले वाहन ही बिकेंगे।
वाहन कंपनियों का कहना है कि खरीदार अब भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और जिनकी कार खरीदने की योजना थी, वे भी आगे नहीं आ रहे हैं। जहां एक तरफ वाहन कंपनियों का ध्यान नए उत्सर्जन मानक (भारत स्टेज-6) के अनुसार वाहनों के उत्पादन पर केंद्र्रित है, वहीं दूसरी तरफ डीलर नए वाहनों को निकालने के बजाय बीएस-4 वाहनों के मौजूदा भंडार खपाने की कोशिश कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के कारण कल-पुर्जों की आपूर्ति पर पड़ सकता है असर
कार कंपनियों का कहना है कि चीन के कोरोनावायरस के कारण चीन में फैक्टरियों में काम प्रभावित होने से कल-पुर्जों की आपूर्ति पर असर हो सकता है, जिससे आने वाले समय में मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। इस बारे में एमजी मोटर इंडिया में निदेशक (बिक्री) राकेश सिदाना ने कहा, 'कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद चीन और यूरोप से आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। इससे फरवरी में वाहनों की बिक्री पर असर हुआ है और मार्च में भी कमोबेश हालात ऐसे ही रह सकते हैं। हम स्थिति सामान्य बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि मार्च के अंत तक हालात स्थिर हो जाएंगे।'
जानिए क्या है बीएस-6
बीएस का मतलब है भारत स्टेज। इसका संबंध उत्सर्जन मानकों से है। बीएस-6 वाहनों में खास फिल्टर लगेंगे, जिससे 80-90% पीएम 2.5 जैसे कण रोके जा सकेंगे। नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लगेगा।
बीएस-6 से होगा ये फायदा
परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि बीएस-6 वाहन में हवा में प्रदूषण के कण 0.05 से घटकर 0.01 रह जाएंगे। यानी बीएस-6 वाहन व बीएस-6 पेट्रोल-डीजल होने पर प्रदूषण 75 प्रतिशत कम हो जाएगा। बीएस-6 से वाहनों की इंजन की क्षमता बढ़ेगी। इससे उत्सर्जन कम होगा। वहीं बीएस-6 पेट्रोल-डीजल 1.5 से दो रुपये प्रति लीटर मंहगा होगा।
बीएस-6 ईधन क्षमता बढ़ाने से कारें 4.1 लीटर में 100 किलोमीटर से अधिक माइलेज देंगी। वाहन निर्माता कंपनियां माइलेज में फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगी। वर्तमान में हकीकत में गाड़ियां उतना माइलेज नहीं देती हैं, जितना दावा किया जाता है। नए नियम लागू होने पर कंपनियों को इसका पालन करना होगा।