नई दिल्ली। होंडा कार्स इंडिया लि. (एचसीआईएल) ने बताया कि उसकी लोकप्रिय सेडान होंडा अमेज ने देश में 4 लाख इकाई का आंकड़ा हासिल कर लिया है। अमेज को सबसे पहले 2013 में लॉन्च किया गया था। दूसरी पीढ़ी की अमेज वर्तमान में होंडा का भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल है और अपने सेगमेंट में इसकी मजबूत बाजार हिस्सेदारी है। ब्रांड अमेज को भारतीय उपभोक्ताओं की उभरती जरूरतों और आंकाक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
होंडा कार्स इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग एंड सेल्स) राजेश गोयल ने कहा कि होंडा अमेज एचसीआईएल के लिए एक बहुत ही सफल मॉडल रहा है और हमारे कारोबार का एक मजबूत स्तंभ है। अमेज द्वारा 4 लाख बिक्री की उपलब्धि हासिल करना हमारे ग्राहकों के प्यार और हमारे डीलर भागीदारों के समर्थन से संभव हुआ है, जिन्होंने अमेज को सभी बाजारों में लोकप्रिय बनाने में मदद की है। यह एक कन्टेम्परेरी सेडान है, जो न केवल ग्राहकों की अपेक्षाओं से मेल खाती है बल्कि उससे कही अधिक है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि अमेज भारतीय ग्राहकों की पहली पसंद है। 42 प्रतिशत पहली बार कार खरीदने वाले लोगों ने अमेज को चुना है। हमारा मानना है कि ग्राहकों के लिए पहली कार के रूप में यह बहुत अच्छी पसंद है, जो उनके बजट के अनुरूप अपनी कम रखरखाव लागत के साथ बड़ी सेडान का स्टेट्स और मन की संतुष्टि प्रदान करती है।
होंडा अमेज एक कन्टेम्परेरी सेडान है, जो अपनी मजबूत डिजाइन, परिष्कृत और स्पेसियस इंटीरियर्स, बेजोड़ ड्राइविंग प्रदर्शन, एडवांस्ड फीचर्स और सुरक्षा प्रौद्योगिकी के साथ वन क्लास एबव सेडान अनुभव प्रदान करती है। होंडा अमेज बीएस-6 अनुपालन 1.5 लीटर i-DTEC डीजल इंजन और 1.2 लीटर i-VTEC पेट्रोल इंजन द्वारा संचालित है और यह दोनों ईंधन विकल्पों के लिए मैनुअल और सीवीटी वर्जन में उपलब्ध है।
पहली पीढ़ी की होंडा अमेज को भारत में अप्रैल, 2013 को लॉन्च किया गया था और मार्च, 2018 तक इसकी 2.6 लाख इकाई बिकी थीं। दूसरी पीढ़ी की होंडा अमेज को मई, 2018 में लॉन्च किया गया था और अबतक इसकी 1.4 लाख इकाई बिक चुकी हैं। मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में एक लोकप्रिय मॉडल होने के नाते, कुल बिक्री में टीयर 1 बाजार की हिस्सेदारी लगभग 44 प्रतिशत, जबकि टियर 2 और 3 की संयुक्त हिस्सेदारी 56 प्रतिशत है। ग्राहकों के बीच ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन मॉडल्स की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, अमेज में ऑटोमैटिक की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। पहली पीढ़ी में इसकी हिस्सेदारी 9 प्रतिशत थी, जो दूसरी पीढ़ी में बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है।