नई दिल्ली। इस बार दशहरा और दिवाली पर सरकार सस्ते स्कूटर-मोटरसाइकिल का तोहफा देने की तैयारी में है। कोरोना वायरस की वजह से निजी परिवहन की मांग में इजाफा होने से सरकार अब दो-पहिया वाहनों पर जीएसटी घटाने पर विचार कर रही है। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात के संकेत दिए हैं कि दो-पहिया वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर कम करने पर विचार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उद्योग संगठन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के एक वर्चुअल कार्यक्रम में वित्त मंत्री को दो-पहिया वाहनों पर जीएसटी घटाने का सुझाव दिया गया था। इस सुझाव पर वित्त मंत्री ने कहा था कि यह वास्तव में एक बेहतर सुझाव है, इसे जीएसटी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि दो-पहिया वाहन विलासिता या अहितकारी सामान नहीं है। वर्तमान में दो-पहिया वाहनों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
सीआईआई ने अपने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिया है कि उद्योग की ओर से दिए गए इस सुझाव पर दो-पहिया वाहनों पर जीएसटी दर में बदलाव पर विचार जरूर किया जाएगा। वित्त मंत्री का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 19 सितंबर को जीएसटी परिषद की बैठक आयोजित होने वाली है और ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस मुद्दे को इसी बैठक में उठाया जा सकता है।
यदि दो-पहिया वाहनों पर जीएसटी की दर घटती है तो त्योहारी सीजन में स्कूटर व मोटरसाइकिल की बिक्री में उछाल आ सकता है, जो उद्योग के लिए भी लाभकारी होगा। कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से ऑटो उद्योग मुश्किलों का सामना कर रहा है। पिछले साल हीरो मोटोकॉर्प ने सरकार से चरणबद्ध ढंग से जीएसटी घटाने की अपील की थी। कंपनी ने सुझाव दिया था कि इसकी शुरुआत उच्च क्षमता वाले इंजन से की जानी चाहिए। उद्योग दो-पहिया वाहनों को 18 प्रतिशत कर की श्रेणी में चाहता है।
उद्योग का कहना है कि दो-पहिया वाहन आम आदमी की सवारी है, इसको तम्बाकू, सिगार, रिवॉल्वर जैसे अहितकारी उत्पादों और रेसिंग कार, निजी एयरक्राफ्ट, याट जैसी लग्जरी श्रेणी में कैसे रखा जा सकता है, जहां जीएसटी की दर सबसे ऊंची 28 प्रतिशत है।