नई दिल्ली। सरकार देश में ऐसी कारों की बिक्री पर सख्त हो गई है जिसमें जरूरी सुरक्षा उपाय या तो नहीं है या फिर वो पर्याप्त नहीं हैं। सरकार ने कार कंपनियों को सुरक्षा उपाय को सख्त करने को कहा है।
सुरक्षा पर सख्त हुई सरकार
सरकार ने मंगलवार को उन रिपोर्ट पर चिंता जताई कि भारत में ऑटोमोबाइल विनिर्माता जनबूझकर कमतर सुरक्षा मानकों वाले वाहनों को बेच रहे हैं और इस चलन को तत्काल बंद करने के लिए कहा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरधर अरमने ने ऑटो विनिर्माताओं के संगठन सिआम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सिर्फ कुछ विनिर्माताओं ने ही वाहन सुरक्षा रेटिंग प्रणाली को अपनाया है और वे भी केवल अपने महंगे मॉडलों के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ समाचारों से बेहद विचलित हूं, कि भारत में ऑटो विनिर्माता जानबूझकर सुरक्षा मानकों को कम रखते हैं। इस चलन को बंद करने की जरूरत है।’’ अरमने ने कहा कि वाहन विनिर्माता सड़क सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और भारत में उन्हें सबसे अच्छी गुणवत्ता के वाहन की पेशकश में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विनिर्माताओं को अपने सभी वाहनों के लिए सुरक्षा रेटिंग देनी जरूरी है।
क्यों सख्त हुई सरकार
पिछले कुछ समय में कारों की सेफ्टी को लेकर आ रही रिपोर्ट्स की माने तो भारत की कई कारों में सुरक्षा को लेकर काफी कम उपाय किए गए हैं। इन कारों में कुछ ऐसी कारें भी शामिल हैं जो भारत में काफी प्रचलित हैं। आंकड़ों के मुताबिक सुरक्षा को लेकर सख्ती न होने की वजह से विकसित देशों के मुकाबले भारत में होने वाले सड़क हादसों में जानमाल का नुकसान कहीं ज्यादा होता है। साल 2018 में अमेरिका में 45 लाख हादसे हुए थे जिसमें 35 हजार लोगों की मौत हुई थी। हालांकि दूसरी तरफ भारत में 4.5 लाख हादसों में 1.5 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसी वजह से सरकार सुरक्षा के उपायों को लेकर सख्त रुख अपना रही है।
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