Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. ऑटो
  4. इलेक्ट्रिक कार नहीं चलाना चाहते सरकारी कर्मचारी, खराब प्रदर्शन और कम बैटरी रेंज से हैं परेशान

इलेक्ट्रिक कार नहीं चलाना चाहते सरकारी कर्मचारी, खराब प्रदर्शन और कम बैटरी रेंज से हैं परेशान

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि एम बार फुल चार्ज किए जाने पर टाटा टिगोर EV और महिंद्रा ई-वेरिटो शहरों में 80-82 किमी भी नहीं चल पाती हैं। वैश्विक मानकों से तुलना की जाए तो कार में लगी बैटरी पर्याप्त क्षमता वाली नहीं है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 03, 2018 13:44 IST
Electric Car- India TV Paisa

Electric Car

नई दिल्‍ली। आपको याद होगा कि भारत सरकार के 2030 तक सभी वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन के लक्ष्‍य के तहत सरकारी अधिकारियों को इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्‍ध कराने की बात की थी। इसके लिए एनर्जी एफिशिएंशी सर्विस लिमिटेड (EESL) ने टेंडर निकाले थे जिनमें दो कंपनियों टाटा मोटर्स और महिंद्रा को चुना गया था। अब, जब इन दोनों कंपनियों ने इलेक्ट्रिक कार की डिलिवरी शुरू कर दी है तो सरकारी अधिकारी इसे चलाने से इनकार करते नजर आ रहे हैं।

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि एम बार फुल चार्ज किए जाने पर टाटा टिगोर EV और महिंद्रा ई-वेरिटो शहरों में 80-82 किमी भी नहीं चल पाती हैं। वैश्विक मानकों से तुलना की जाए तो कार में लगी बैटरी पर्याप्त क्षमता वाली नहीं है। फिलहाल दोनों ही कारों में ग्लोबल मानक 27-35 kW के मुकाबले 17 kW बैटरी दी गई है। कंपनी ने जो दावा किया है उससे ये कारें कम रेंज लिमिट वाली हैं।

आपको बता दें कि पहले चरण के तहत EESL ने टाटा मोटर्स को 350 यूनिट और महिंद्रा को 150 यूनिट EV बनाने का टेंडर दिया था। दूसरे चरण में कुल 9500 यूनिट इलेक्ट्रिक वाहनों की डिलिवरी करनी थी, उसमें से 40 प्रतिशत महिंद्रा उपलब्ध करा रही है। EESL का कहना है कि 150 से ज़्यादा कारें दिल्ली और आंध्र प्रदेश की सड़कों पर चलाई जा रही हैं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Auto News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement