नयी दिल्ली। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर को इस साल की तीसरी तिमाही से वाहन उद्योग में तेजी लौटने की उम्मीद है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एक अप्रैल से नये उत्सर्जन मानक भारत चरण-छह (बीएस-छह) लागू होने जा रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ता नयी उत्सर्जन प्रौद्योगिकी तथा इसके कारण लागत में हुई वृद्धि को समझने की कोशिश करेंगे। कंपनी ने हाल ही में अपने लोकप्रिय बहुद्देश्यीय वाहन (एमपीवी) इनोवा क्रिस्टा का भारत चरण-छह संस्करण पेश किया है।
कंपनी इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में फॉर्च्यूनर जैसे मॉडलों का डीजल संस्करण भी बाजार में उतारने लगेगी। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं सेवा) नवीन सोनी ने पीटीआई भाषा से कहा, 'उपभोक्ताओं को नयी प्रौद्योगिकी समझने में कम-से-कम पहली दो तिमाही लगेगी। चूंकि बुनियाद मजबूत है, तीसरी तिमाही से तेजी आने लगेगी।' उल्लेखनीय है कि पिछले साल वाहन उद्योग में दो दशक की सबसे बड़ी गिरावट आयी है।
सोनी ने कहा कि टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने नयी प्रौद्योगिकी की लागत का पूरा बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डालकर कुछ हिस्से का खुद वहन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इनोवा क्रिस्टा के बीएस-छह संस्करण का उदाहरण देते हुए कहा, 'सबसे मुख्य चुनौती है कि यदि हम पूरी लागत का बोझ बाजार पर डालते तो यह बड़ी वृद्धि होती। यदि ऐसा होता तो उपभोक्ताओं के लिये इसे पचा पाना मुश्किल हो जाता। अत: हमने लागत वृद्धि का 50 प्रतिशत से कम ही बोझ उपभोक्ताओं पर डालने का निर्णय लिया।' सोनी ने कहा कि हालांकि हम कब तक इस अतिरिक्त बोझ का वहन कर सकेंगे, यह बड़ा सवाल है।