नई दिल्ली। अब आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि टाटा मोटर्स ने अपनी टाटा इंडिका और टाटा इंडिगो कार का उत्पादन भारत में बंद कर दिया है। वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत से टाटा मोटर्स ने अपनी इंडिया हैचबैक और इंडिगो सेडान की एक भी यूनिट का उत्पादन नहीं किया है। इस बात की पुष्टि सियाम द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से होती है। कंपनी अब अपना पूरा ध्यान इम्पैक्ट डिजाइन कार पर दे रही है और पुराने स्टाइल की इंडिका और इंडिगो की बिक्री लगातार घट रही है।
वित्त वर्ष 2017-18 में टाटा मोटर्स ने 1686 यूनिट इंडिका की और 556 यूनिट इंडिगो सीएस की बनाई थीं। धीरे-धीरे कंपनी ने अब पूरी तरह से इन कारों का उत्पादन बंद कर दिया है। टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि बदलते बाजार और प्रभावशाली डिजाइन की दिशा में टाटा मोटर्स के विकास के साथ हमनें इंडिका और इंडिगो ईसीएस का उत्पादन बंद करने का फैसला किया है, जो किसी उत्पाद के जीवन चक्र में एक आम घटना है।
कई मायनों में टाटा के लिए भारत में इंडिगा एक ऐतिहासिक कार रही है। इसे सबसे पहले 1998 में जेनेवा मोटर शो में प्रदर्शित किया गया था। टाटा इंडिका भारत की पहली पूर्ण स्वदेशी कार भी है और इसने अपने लॉन्च के साथ ही कंपनी की किस्मत भी बदली है। लॉन्च के एक हफ्ते के भीतर ही टाटा इंडिका की 1.15 लाख बुकिंग के साथ ही यह बाजार में काफी लोकप्रिय हो गई थी। दो साल के भीतर यह कार सेगमेंट लीडर बन गई थी।
टाटा इंडिगो को 2002 में लॉन्च किया गया था। अपने कॉम्पैक्ट डिजाइन और स्पेसिअस इंटीरिअर्स के लिए इसे खूब पसंद किया गया। नए उत्सर्जन और सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए टाटा मोटर्स अब अपनी उत्पाद रणनीति को पुर्नगठित कर रही है और बहुत सी कारें बीएस-6 के साथ भविष्य में नहीं दिखाई देंगी।
टाटा इंडिका और टाटा इंडिगो के बाद ऐसी उम्मीद है कि टाटा नैनो का उत्पादन भी जल्द ही बंद किया जाएगा। अप्रैल महीने में कंपनी ने नैनो की केवल 45 यूनिट का ही निर्माण किया है। हालांकि टाटा नैनो को इलेक्ट्रिक अवतार में पेश किया गया है। टाटा मोटर्स मौजूदा इंडिका और इंडिगो ग्राहकों को आवश्यक सर्विस सपोर्ट देना जारी रखेगी।