मुंबई। चीन की प्रमुख कार निर्माता कंपनी Chery International (चेरी इंटरनेशनल) भारत में प्रवेश की संभावनाओं का अध्ययन कर रही है। चीनी की ऑटो कंपनियां भारत के तेजी से विकसित होते ऑटोमोबाइल मार्केट में अपनी रुचि दिखा रही हैं। टॉप कार निर्यातक चेरी, जिसका चीन में टाटा मोटर्स के जगुआल लैंड रोवर (जेएलआर) यूनिट के साथ संयुक्त उपक्रम है, के चेयरमैन ने कहा कि हम इस साझेदारी के जरिये ही भारतीय ऑटो मार्केट में प्रवेश कर सकते हैं या अन्य विकल्प भी देख सकते हैं।
पिछले हफ्ते फ्रेंकफर्ट मोटर शो में चेरी इंटरनेशनल के चेयरमैन यिन टोंगयाओ ने कहा कि भारत अच्छी विरासत वाला एक बेहतर देश है। हमारी टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी है। हम भारत में प्रवेश के लिए इस साझेदारी का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये टाटा मोटर्स के साथ भी हो सकता है या बिना उसके, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं किया गया है।
चीनी ऑटो कंपनियां पिछले लंबे समय से भारत में प्रवेश करने की बात तो कर रही हैं, लेकिन अभी तक यहां कोई भी प्रोडक्ट लॉन्च नहीं किया गया है। लेकिन अब कुछ कंपनियों ने इस दिशा में निर्णायक कदम उठाने शुरू किए हैं, वह घरेलू बाजार में घटी बिक्री से हो रहे नुकसान को पूरा करने के लिए नए बाजार की तलाश में हैं। Shanghai Automotive (शंघाई ऑटोमोटिव) और Beiqi Foton (बीक्वी फोटोन) ने भारत को लेकर अपनी योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है, वहीं Changan (चनगन) और Great Wall (ग्रेट वॉल) ने भारत में अधिकारियों के साथ कई चरणों की बातचीत की है।
चेरी एक सरकारी कंपनी है, इसकी स्थापना 20 साल पहले हुई थी और तब से लेकर अबतक यह 60 लाख वाहन बेच चुकी है। टाटा मोटर्स ने पहले चेरी के साथ प्लेटफॉर्म और इंजन के लिए गठबंधन करने के साथ ही साथ भारत में प्रवेश की योजना को लेकर बातचीत की थी। चीनी अखबार नानफांग डेली ने 2014 में कहा था कि चेरी पूंजी जुटाने और अपने कर्ज का बोझ कम करने के लिए अपने क्यूक्यू, ए1 और एम1 माइक्रो सेडान तथा ए3 कॉम्पैक्ट कार के प्लेटफॉर्म को टाटा मोटर्स को बेचने के लिए बातचीत कर रही है।