नयी दिल्ली। प्रतिस्पर्धा आयोग ने टाटा मोटर्स के खिलाफ डीलरशिप समझौतों में बाजार में मजबूत स्थिति का कथित दुरूपयोग करने के आरोप के जांच के आदेश दिये हैं। टाटा मोटर्स, टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. और टाटा मोटर्स फाइनेंस लि. के खिलाफ दो शिकायतों पर गौर करते हुए उक्त आदेश दिया गया। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने पाया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में टाटा मोटर्स पर बाजार में मजबूत स्थिति का लाभ उठाते हुए वाणिज्यिक वाहनों के लिये डीलरशिप समझौते में अनुचित नियम एवं शर्तें थोपी जो प्रतिस्पर्धा कानून की धारा 4 के प्रवाधानों का उल्लंघन है।
पढ़ें- LPG ग्राहकों को मिल सकते हैं 50 लाख रुपये, जानें कैसे उठा सकते हैं लाभ
पढ़ें- खुशखबरी! हर साल खाते में आएंगे 1 लाख रुपये, मालामाल कर देगी ये स्कीम
सीसीआई ने चार मई को 45 पृष्ठ के आदेश में कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह मामला टाटा मोटर्स द्वारा प्रतिस्पर्धा कानून की धारा 3 (4) और 4 के प्रावधानों के उल्लंघन का लगता है। ‘‘ऐसे में मामले की जांच की जरूरत है।’’ नियामक ने अपनी जांच इकाई महानिदेशक (डीजी) को मामले में विस्तार से पड़ताल करने को कहा है।
पढ़ें- हिंदी समझती है ये वॉशिंग मशीन! आपकी आवाज पर खुद धो देगी कपड़े
पढ़ें- किसान सम्मान निधि मिलनी हो जाएगी बंद! सरकार ने लिस्ट से इन लोगों को किया बाहर
सीसीआई ने यह साफ किया कि वह टाटा कैपिटल और टाट मोटर्स फाइनेंस की गतिविधियों या उनके द्वारा डीलरों के साथ वित्त पोषण को लेकर किये गये समझौतों की जांच नहीं कर रही। इसका कारण ऐसा नहीं लगता कि इन दोनों कंपनियों की अपने क्षेत्रों में कोई बहुत मजबूत स्थिति है।