नयी दिल्ली। फेस्टिव सीजन में भी ऑटो इंडस्ट्री की सुस्ती खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, वाहनों की बिक्री नहीं बढ़ रही है। यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर महीने में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 20.1 प्रतिशत घटकर 1,57,972 इकाई रह गई। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
फाडा ने कहा कि ऐसा कभी देखने को नहीं मिला है कि त्योहारी मौसम शुरू होने पर कंपनियों द्वारा दी जाने वाली रियायतों के बावजूद वाहनों की बिक्री में गिरावट आई हो। एक साल पहले सितंबर, 2018 में वाहनों की बिक्री 1,97,653 इकाई रही थी, इस लिहाज से 39,681 वाहनों की बिक्री कम हुई है।
दोपहिया-कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में भी गिरावट
फाडा के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में दोपहिया वाहन बिक्री 12.1 प्रतिशत घटकर 10,98,271 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 12,48,998 इकाई थी। इसी प्रकार वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 18.5 प्रतिशत घटकर 63,518 इकाई रह गई, जो सितंबर, 2018 में 77,980 वाहन थी। हालांकि, इस दौरान तिपहिया वाहनों की बिक्री 1.8 प्रतिशत बढ़कर 55,553 इकाई पर पहुंच गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 54,560 इकाई रही थी। समीक्षाधीन महीने विभिन्न श्रेणियों में वाहनों की कुल बिक्री 12.9 प्रतिशत घटकर 13,75,314 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 15,79,191 इकाई रही। फाडा के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा कि माह के दौरान खुदरा बिक्री दबाव में रही। बिक्री में गिरावट की आशंका पहले से थी।
सियाम ने भी जारी किए थे आंकड़े
बता दें कि हाल ही में वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम ने भी सितंबर में कारों की बिक्री के आंकड़े जारी किए थे। सियाम के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री 23.69 फीसदी गिर गई है तो वहीं कॉमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में 62.11 फीसदी की गिरावट आई है। तीन पहिया वाहन के प्रोडक्शन और डोमेस्टिक सेल्स की बात करें तो क्रमश: 1.15 और 3.92 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं दो पहिया वाहनों के डोमेस्टिक सेल्स में 22.09 फीसदी की गिरावट आई है।
डिस्काउंट और ऑफर दांव भी हुआ फेल
ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब त्योहारी सीजन चल रहा है। इस सीजन को ऑटो इंडस्ट्री के लिए वरदान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि त्योहारों के मौके पर लोग कारों की खरीदारी करना शुभ मानते हैं। वहीं कंपनियां भी अपने कस्टमर्स को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर्स देती हैं, लेकिन इन तमाम हालातों के बाद भी बिक्री में तेजी नहीं आई है। फाडा का कहना है कि ऐसा कभी देखने को नहीं मिला है कि फेस्टिव सीजन शुरू होने पर कंपनियों द्वारा दी जाने वाली रियायतों के बावजूद वाहनों की बिक्री में गिरावट आई हो।