नई दिल्ली। ऑटो लोन को लेकर वित्तीय कंपनियों की सतर्कता से बढ़ती मांग का फायदा नहीं मिल रहा है। ये मानना है कि सेक्टर की बड़ी कंपनी टोयाटा किर्लोस्कर मोटर के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट नवीन सोनी का। नवीन के मुताबिक ऑटो मोबाइल सेक्टर में मांग में बढ़त देखने को मिल रही लेकिन बैंक और एनबीएफसी के द्वारा कर्ज बांटने में जरूरत से ज्यादा सतर्कता के कारण जितना मांग है उतनी बिक्री नहीं हो रही है।
नवीन ने जानकारी दी कि फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ कंपनियों को जुलाई के मुकाबले 20 से 30 फीसदी ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं। उन्होने कहा कि समस्या बैकों और वित्तीय कंपनियों की तरफ से है, वो कर्ज देने के नाम पर काफी सतर्कता दिखा रहे हैं। उनके मुताबिक नए ऑर्डर के हिसाब से स्थिति काफी सकारात्मक दिख रही हैं। हर दिन बेहतर संकेत मिल रहे हैं, हालांकि सप्लाई चेन में सुधार के बावजूद इस समय ऑर्डर मिलने से लेकर वाहन ग्राहक को देने तक के समय में पहले के मुकाबले बढ़ोतरी हो गई है। इसमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों की तरफ से होने वाली देरी अहम है।
नवीन के मुताबिक बैंक कर्ज बांटने को लेकर जरूरत से ज्यादा सतर्क हो गए हैं। अगर ग्राहक ने 10 साल पहले किसी छोटी सी रकम पर भी डिफॉल्ट किया है तो भी उन्हे वाहन कर्ज मिलना आसान नहीं रह गया है। इसके साथ ही एक समय जितने सिबिल स्कोर पर ग्राहक को कुल कीमत का 80 फीसदी लोन मिल जाता था, अब बैंक उसपर सिर्फ 60 फीसदी लोन दे रहे हैं। इसके साथ ही महामारी की वजह से फील्ड वर्क में भी ज्यादा समय लग रहा है।
नवीन के मुताबिक इंडस्ट्री नहीं चाहती की बैंक इस चुनौती पूर्ण समय में भी बिना किसी सतर्कता के साथ लोन बांटे, हालांकि बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इस वक्त जरूरत से ज्यादा सतर्कता से भी बचना चाहिए।